कोलकाता, 9 जुलाई: चुनाव आयोग ने कहा है कि बंगाल पंचायत चुनाव में घायल हुए पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी और अन्य कर्मचारियों को मुआवजा दिया जाएगा शनिवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में मतदान अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की और उन पर हमले की कई रिपोर्टें सामने आईं, खासकर उन जगहों पर जहां चुनाव संबंधी झड़पें और हिंसा बड़े पैमाने पर हुई थीकई मतदान अधिकारियों को रोते हुए देखा गया, कुछ को चोटों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया और कुछ हिंसा को देखने के बाद पूरी तरह से सदमे में थे मतदान अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों ने कहा कि वे भविष्य में मतदान संबंधी कार्यों में भाग नहीं लेंगे. यह भी पढ़े: WB Panchayat Elections 2023: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग शुरू होते ही उपद्रवियों ने बूथ पर की तोड़फोड़, बैलेट पेपर भी जलाए- Video
पर्यवेक्षकों का मानना है कि प्रभावित मतदान अधिकारियों और कर्मचारियों को मुआवजा देने का निर्णय आयोग और राज्य सरकार के खिलाफ उनकी बढ़ती शिकायतों को कम करने के लिए लिया गया है क्योंकि उनमें से कई ने आरोप लगाया था कि सशस्त्र बलों की तैनाती न होने कारण ऐसा हुआ है राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने मतदान अधिकारियों की दुर्दशा के लिए राज्य चुनाव आयोग के घोर कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है.
संयुक्त मंच के संयोजक भास्कर घोष ने कहा, हम शुरू से ही दावा करते रहे हैं कि केंद्रीय सशस्त्र बलों की उचित तैनाती के बिना मतदान अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती। लेकिन मतदान के दिनों में केंद्रीय बलों की जमीनी मौजूदगी मुश्किल से ही दिखी कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार मतदान अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में आयोग बुरी तरह विफल रहा है.
इसलिए हमने कलकत्ता उच्च न्यायालय में राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा और अन्य आयोग अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना याचिका दायर करने का फैसला किया हैप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पांच बार के पार्टी के लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि शनिवार को हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य की जनता करारा जवाब देगी.