चम्पावत, 29 दिसम्बर : चंपावत का अटल उत्कृष्ट जीआईसी स्कूल इन दिनों इस स्कूल में कुछ ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जिसने छात्रों और उनके परिजनों को बुरी तरह डरा दिया है. दरअसल, मंगलवार को स्कूल की कुछ छात्राएं बेहोश हो गईं, यही बुधवार को भी हुआ. एक-एक कर 29 छात्राएं और 3 छात्र बेहोश हो गए. अभिभावक जहां इसे दैवीय प्रकोप बता रहे हैं. तो वहीं शिक्षा विभाग ने इसे मास हिस्टीरिया की घटना कहा है.
शिक्षा विभाग ने स्वास्थ्य विभाग से छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग के लिए कहा है. मामला रीठा साहिब में स्थित अटल उत्कृष्ट जीआईसी स्कूल का है. मंगलवार को यहां मध्यांतर के बाद कक्षाएं चल रही थीं. तभी नौवीं से इंटर तक की 24 छात्राएं एक-एक कर चिल्लाने लगीं. स्कूल में डर का माहौल बन गया. रोने के बाद लड़कियां बेहोश हो गईं, हालांकि पानी पिलाने के बाद उनकी हालत सामान्य हो गई. यह भी पढ़ें : निर्वाचन आयोग ने प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट वोटिंग मशीन’ का शुरुआती मॉडल तैयार किया
बुधवार को भी ठीक ऐसी ही घटना हुई. स्कूल में पढ़ने वाली पांच छात्राएं बेहोश हो गईं. मामला बेहद गंभीर है, वो इसलिए क्योंकि इस साल जिले के स्कूलों में अचेत होने की यह तीसरी घटना है. इससे पहले पाटी ब्लॉक में ही रमक और पाटी में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. जीआईसी रमक में 39 छात्राओं को भी ऐसे ही दौरे पड़े थे.
इससे पहले बागेश्वर में ऐसा देखने को मिला था. राजकीय जूनियर हाईस्कूल रैखोली में छात्राएं बदहवास हो रही थी. स्कूल के मैदान से लेकर कक्षाओं में अलग-अलग समय में अचानक से चिल्ला कर इधर उधर गिरने लगी थी. बदहवाशी में छात्राएं तेज आवाज में कुछ कहने लगी थी. इस मामले का राज्य बाल संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लिया था. इस साल बागेश्वर जिले में भी ऐसे तीन मामले आ चुके हैं. शिक्षा विभाग इसे मास हिस्टीरिया का मामला बता रहा है.
क्या होता है मास हिस्टीरिया ये भी बताते हैं :-
एकीकृत नसिर्ंग कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर और मनोचिकित्सक डॉ. रश्मि रावत कहती हैं कि ये आमतौर पर मनोविकार या मनोवैज्ञानिक समस्या है. इसमें कई बार लोग असामान्य हरकत करते हैं, दूसरे की नकल करते हैं. पहाड़ में ऐसे मामलों में ज्यादातर देव डांगर और झाड़फूंक का सहारा लिया जाता है.
मास हिस्टीरिया में पेट या सिर दर्द, बाल नोंचना, हाथ-पांव पटकना, इधर-उधर भागना, रोना, चिल्लाना, गुस्सा करना, उदास रहना, थोड़ी देर के लिए बेहोश होकर अकड़ जाना, भूख और नींद में कमी आना जैसे लक्षण दिखते हैं. इलाज के लिए जरूरी है कि मरीज को मनोचिकित्सक को दिखाया जाए. हिप्नोथैरेपी के जरिए भी इलाज संभव है. अगर किसी को दौरा पड़े तो उसे हवादार जगह पर आराम कराएं, हींग और प्याज काटकर सुंघाएं. प्राणायम के अलावा ताड़ासन, भुजंगासन और सिंहासन करें, इससे आराम मिलेगा.
चंपावत में हुई घटना को लेकर सीईओ जितेंद्र सक्सेना ने कहा कि रीठा साहिब जीआईसी में दो दिन में 29 छात्राओं और तीन छात्रों को दौरे पड़े हैं. ये दौरे हिस्टीरिया जैसे हैं. छात्र-छात्राओं को समझाने के अलावा काउंसलिंग और इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया गया है.