राजस्थान में 70 गधे चोरी: पुलिस ने थाने में कराई 'चिंटू, पिंटू और कालू' की पहचान परेड
गधा (Photo Credits: Pixabay)

जयपुर, 31 दिसम्बर : राजस्थान के हनुमानगढ़ में गधों की चोरी का एक विचित्र मामला देखने को मिला है, जहां 70 गधों की चोरी हो जाने पर पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. गधों के मालिकों द्वारा जिले के खुईयां शहर क्षेत्र में चोरी की शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस को थाने में गधों की 'पहचान परेड' करानी पड़ी, मगर मामला अभी भी नहीं सुलझ सका है. शिकायत के बाद जब पुलिस ने छानबीन की तो उन्हें कई गधे मिल गए और फिर गधों के मालिकों को बुलाया गया, ताकि उनकी पहचान हो सके. हालांकि अब उनके मालिकों ने कहा है कि वे बस उनके जानवरों (गधे) के जैसे दिखते हैं, मगर वे उनके नहीं हैं, इसलिए उन्होंने गधों को लेने से इनकार कर दिया है. बताया जा रहा है कि जिले के खुईयां इलाके से पिछले कुछ दिनों के दौरान 70 गधे चोरी हो गए. लोगों ने जब इसकी शिकायत की तो शुरुआत में पुलिस ने उन पर ध्यान नहीं दिया. इसके बाद उन गधों के मालिकों और माकपा कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर मंगलवार को थाने जाकर धरना दिया. इससे पुलिस भी हरकत में आ गई और वह गांव-गांव जाकर गधों को ढूंढने में जुट गई.

पुलिस 15 गधों को पकड़कर थाने ले आई थी, लेकिन धरना दे रहे लोगों का कहना था कि ये गधे उनके नहीं हैं. प्रदर्शनकारी गधा मालिकों का कहना है कि उन्हें तो उनका ही गधा चाहिए. अब परेशान पुलिस गधा मालिकों को मना रही है कि वे ये गधे ले जाएं, लेकिन वे अपना-अपना गधा ही लेने पर अड़े हुए हैं. मालिकों ने कहा कि कुछ गधों के नाम चिंटू, पिंटू और कालू रखे गए हैं और जब उन्होंने उन्हें इन नामों से पुकारा, तो इन जानवरों में से किसी ने भी कोई प्रतिक्रिया या हरकत नहीं की, जिससे साबित होता है कि वे उनके जानवर नहीं हैं. प्रदर्शनकारी गधों के मालिकों ने पुलिस से कहा कि गधों को जहां से लाए थे, वहां छोड़ दें और उनके जानवरों को ढूंढ कर लाएं. यह भी पढ़े : खेलकूद का हब बनेगा उत्तर प्रदेश, गोरखपुर में वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के बाद अब मेरठ में बनेगी स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी

गधों के मालिकों का कहना है कि गधे उनकी आजीविका का साधन हैं. उनका कहना है कि एक गधे की कीमत करीब 20 हजार रुपये है और इस तरह चोरी हुए 70 गधों की कीमत करीब 14 लाख रुपये बनती है. गधा मालिकों का कहना है कि गधा बोझा उठाने का काम करते हैं और उनके चोरी होने के बाद उनकी आजीविका का साधन समाप्त हो गया है. इस पर खुईयां थाने के एसएचओ विजेंद्र शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हमने इन जानवरों का पता लगाने के लिए टीमों का गठन किया है." माकपा नेता मंगेज चौधरी ने कहा कि उन्हें धरना इसलिए देना पड़ रहा है, क्योंकि जानवरों के लापता होने की शिकायतें दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं.