ज्यूरिख, एक सितंबर: विश्व चैम्पियन नीरज चोपड़ा डायमंड लीग की भालाफेंक स्पर्धा में शीर्ष स्थान हासिल नहीं कर सके लेकिन आखिरी दौर में 85 . 71 मीटर का थ्रो फेंककर दूसरे स्थान पर रहे. ओलंपिक चैम्पियन 25 वर्ष के चोपड़ा ने 80 . 79 मीटर, 85 . 22 मीटर और 85 . 71 मीटर के तीन वैध थ्रो फेंके जबकि बाकी तीन थ्रा फाउल रहे. वह चेक गणराज्य के याकूब वालेश (85 . 86 मीटर) के बाद दूसरे स्थान पर रहे. विश्व चैम्पियनशिप में याकूब ने कांस्य पदक जीता था. यह भी पढ़ें: Aakash Chopra Picks India-Pakistan Combined XI: एशिया कप मुकाबले से पहले आकाश चोपड़ा ने चुनी भारत-पाकिस्तान की संयुक्त प्लेइंग इलेवन; यहां पढ़ें टीम में किसे दिए मौका
चोपड़ा ने बृहस्पतिवार को प्रतिस्पर्धा के बाद कहा कि वह पूरी तरह से फिट थे लेकिन बुडापेस्ट में हुई विश्व चैम्पियनशिप के बाद थके हुए थे. उन्होंने कहा ,‘‘ मैं अब बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं क्योंकि विश्व चैम्पियनशिप के बाद हर कोई थका हुआ था. हमने वहां अपना शत प्रतिशत दिया. इस स्पर्धा में मेरा फोकस स्वस्थ बने रहने पर था क्योंकि अब हमें यूजीन (डायमंड लीग फाइनल 17 सितंबर को) और हांगझोउ (एशियाई खेल 23 सितंबर से) पर फोकस करना है. ’’
चोपड़ा ने तीन स्पर्धाओं में 23 अंक लेकर डायमंड लीग फाइनल के लिये क्वालीफाई किया है. उन्होंने पिछले साल डायमंड लीग जीती थी. याकूब (29 अंक) और जूलियन वेबर (25 अंक) के बाद तीसरे स्थान पर रहकर उन्होंने क्वालीफाई किया. वह तीसरे स्थान पर इसलिये रहे क्योंकि चोट के कारण डायमंड लीग के मोनाको चरण में नहीं खेले थे जिसमें याकूब और वेबर ने भाग लिया था.
चोपड़ा ने दोहा (पांच मई) और लुसाने (30 जून) चरण में जीत दर्ज की थी. इसके बाद बुडापेस्ट में विश्व चैम्पियनशिप में 88 . 17 मीटर का थ्रो फेंककर स्वर्ण जीता. तोक्यो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता चोपड़ा ने कहा कि आगामी प्रतिस्पर्धाओं के लिये पूरी तरह फिट रहने की कवायद में उन्होंने ज्यूरिख में ज्यादा कठिन प्रयास नहीं किये.
प्रतिस्पर्धा से पहले उन्होंने कहा कि विश्व चैम्पियनशिप के बाद उनके कंधे और कमर में दर्द है. उन्होंने कहा कि मई जून में अभ्यास के दौरान ग्रोइन में लगी चोट के बाद वह शत प्रतिशत फिट नहीं हैं.
उन्होंने कहा ,‘‘ मेरा फोकस स्वस्थ बने रहने पर है और आगामी स्पर्धाओं में अपना शत प्रतिशत भी देना है. कई बार शरीर की सुननी होती है. मैने इसलिये ज्यादा पुश नहीं किया.’’ उन्होंने कहा ,‘‘ कई बार पहला लक्ष्य फिट रहना होता है. मैने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया लेकिन फोकस स्वास्थ्य पर ही था. मैं
आम तौर पर सर्दियों में यूरोप में अभ्यास करता हूं क्योंकि यात्रा करना आसान होता है. यही वजह है कि इंग्लैंड में कुछ महीने बिताये जिसके बाद बुडापेस्ट में गर्मी में खेला.’’ डायमंड लीग फाइनल में अब तक के अंक मायने नहीं रखेंगे और उसमें जीतने वाला ही विजेता होगा. डायमंड लीग के चार व्यक्तिगत चरण होते हैं जिनकी अलग अलग ईनामी राशि होती है.
चोपड़ा को ज्यूरिख में 6000 डॉलर मिले जबकि विजेता को 12000 डॉलर मिले. शीर्ष छह फाइनल के लिये क्वालीफाई करते हैं. यूजीन फाइनल जीतने वाले को 30000 डॉलर मिलेंगे जबकि उपविजेता को 12000 और तीसरे स्थान पर रहने वाले को 7000 डॉलर दिये जायेंगे.
पुरूषों की ऊंची कूद में मुरली श्रीशंकर पांचवें स्थान पर रहे जिन्होंने 7 . 99 मीटर की कूद लगाई. उन्होंने भी 14 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहकर डायमंड लीग फाइनल के लिये क्वालीफाई किया.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)