नयी दिल्ली, 20 जून: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि भारत नकली दवाओं के मामले में ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति का पालन करता है उन्होंने कहा कि खांसी रोकने के लिए भारत निर्मित सीरप के कारण कथित मौतों के बारे में कुछ हलकों में चिंता व्यक्त किए जाने के बाद 71 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उनमें से 18 को बंद करने को कहा गया है पीटीआई वीडियो के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, मंत्री ने यह भी कहा कि देश में गुणवत्तापूर्ण दवाओं का उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए लगातार व्यापक विश्लेषण किया जाता है. यह भी पढ़े: Assam: असम पुलिस ने 12 करोड़ रुपए मूल्य की ड्रग्स जब्त की, नशा तस्करी के आरोप में दो गिरफ्तार
सरकार तथा नियामक हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहते हैं कि नकली दवाओं के कारण किसी की मौत न हो उन्होंने कहा, "हम दुनिया की फार्मेसी हैं और हम सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम 'दुनिया की गुणवत्ता वाली फार्मेसी' हैं फरवरी में, तमिलनाडु आधारित ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर ने आंखों की अपनी दवाई की पूरी खेप को वापस ले लिया था इससे पहले, आरोप लगा था कि पिछले साल खांसी रोकने लिए भारत निर्मित सीरप से गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में क्रमश: 66 और 18 बच्चों की मौत हो गई भारत ने 2022-23 में 17.6 अरब अमेरिकी डॉलर के कफ सीरप का निर्यात किया,
जबकि 2021-22 में यह निर्यात 17 अरब अमेरिकी डॉलर का था कुल मिलाकर, भारत वैश्विक स्तर पर जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा प्रदाता है, जो विभिन्न टीकों की वैश्विक मांग का 50 प्रतिशत से अधिक, अमेरिका में लगभग 40 प्रतिशत जेनेरिक मांग और ब्रिटेन में लगभग 25 प्रतिशत दवाओं की आपूर्ति करता है मांडविया ने कहा, "जब भी भारतीय दवाओं के बारे में कुछ सवाल उठाए जाते हैं तो हमें तथ्यों में शामिल होने की आवश्यकता होती है उदाहरण के लिए गाम्बिया में, यह कहा गया था कि 49 बच्चों की मौत हुई है डब्ल्यूएचओ में किसी ने यह कहा था और हमने उन्हें लिखा था कि तथ्य क्या हैं कोई भी हमारे पास तथ्यों के साथ नहीं आया.
उन्होंने कहा, "हमने एक कंपनी के नमूनों की जांच की हमने मौत की वजह जानने की कोशिश की और पाया कि बच्चे को अतिसार था अगर किसी बच्चे को अतिसार हुआ तो उस बच्चे के लिए कफ सीरप की सलाह किसने दी मंत्री ने कहा कि कुल 24 नमूने लिए गए, जिनमें से चार विफल रहे
उन्होंने कहा, "सवाल यह है कि अगर निर्यात के लिए सिर्फ एक बैच बनाया गया था और अगर वह विफल रहता है, तो सभी नमूने विफल हो जाएंगे यह संभव नहीं है कि 20 नमूने पास हो जाएं और चार नमूने विफल हो जाएं फिर भी, हम सतर्क हैं हम हमारे देश में दवाओं का गुणवत्तापूर्ण उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए जोखिम-आधारित विश्लेषण जारी रखे हुए हैं.
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