दिल्ली में यमुना का जल स्तर फिर खतरे के पार, निचले इलाकों में भरा पानी

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एक बार फिर यमुना नदी में जल स्तर खतरे के निशान 204.5 मीटर के पार चला गया. यमुना का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में पानी भर गया और लोग मजबूरन  सड़क किनारे रहने के लिए चले गए. यमुना का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाके में रहने वाले लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं. इन लोगों को अब सड़क किनारे रहना पड़ रहा है. दिल्ली में रोहिंग्या शरणार्थियों को फ्लैट नहीं देगी मोदी सरकार, गृह मंत्रालय ने किया खुलासा, दिल्ली सरकार से की ये मांग.

प्रभावित लोगों में से एक एमके वर्मा ने न्दियूज एजेंसी ANI को बताया, 'जहां हम रह रहे थे वहां पानी 4 फीट की ऊंचाई तक पहुंच गया. हमें किसी ने नहीं बताया कि जल स्तर बढ़ रहा है. मैं उस नर्सरी में काम करता हूं जिसे इससे बहुत नुकसान हुआ. अब लोग सड़क किनारे रह रहे हैं क्योंकि यमुना नदी का पानी निचले इलाकों में भर गया है.

निचले इलाकों को लोगों ने किया खाली 

अधिकारियों ने बताया, 'ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश के बीच हरियाणा द्वारा हथिनीकुंड बैराज से और पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जल स्तर बढ़ गया है. यमुना में ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद शुक्रवार को जल स्तर खतरे के निशान के पार चला गया था, जिसके कारण प्राधिकारियों को निचले इलाकों में रह रहे करीब 7,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना पड़ा.

जल स्तर सोमवार को खतरे के निशान से नीचे चला गया था और मंगलवार को शाम छह बजे 203.96 मीटर पर था. दिल्ली सरकार के बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने बताया कि पानी का स्तर फिर से बढ़ गया और मध्यरात्रि के आसपास यह खतरे के निशान को पार कर गया. बुधवार को सुबह सात बजे यह 204.89 मीटर पर था.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अगले दो-तीन दिनों में भारी बारिश की संभावना है. यमुना नदी के डूब वाले क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्से आते हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले सप्ताह लोगों से नदी के तट पर न जाने की अपील की थी. यमुना के उफान पर होने के कारण पिछले सप्ताह उत्तरपूर्वी, पूर्वी और दक्षिणपूर्वी दिल्ली में नदी के आसपास के निचले इलाकों में रहने वाले लोग प्रभावित हुए तथा करीब 7,000 लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में पहुंचाया गया.