देश की खबरें | डब्ल्यूएचओ ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से डूबने की घटना पर रोक के उपायों को मजबूत करने के लिए कहा

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नयी दिल्ली, 15 दिसंबर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से डूबने की घटनाओं को रोकने के लिये उपायों को और मजबूत करने का आह्वान किया है क्योंकि इससे बच्चों और कमजोर आबादी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहली वैश्विक स्थिति रिपोर्ट (डूबने की घटनाओं के रोकथाम) के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया में साल 2021 में डूबने से 83,000 लोगों की मौत हुई, जो वैश्विक स्तर पर डूबने की समस्या का 28 प्रतिशत है। इसके तहत, विश्व स्तर पर, हर घंटे डूबने की घटनाओं में लगभग 30 लोगों ने जान गंवाई।

रिपोर्ट में बताया गया कि दक्षिण-पूर्व एशिया में डूबने की घटनाओं में लगभग 43 प्रतिशत 14 वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों ने जान गंवाई है।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में बताया गया, ‘‘पांच से 14 साल के बच्चों की मौत होने का तीसरा प्रमुख कारण डूबना है और एक से चार वर्ष की आयु के बच्चों की मृत्यु का यह चौथा प्रमुख कारण है।’’

दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजिद ने कहा, ‘‘जीवन बचाने और सभी के लिए समान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे क्षेत्र में डूबने की घटनाओं को रोकने के उपायों को और बढ़ाना न केवल आवश्यक है बल्कि यह एक नैतिक अनिवार्यता भी है।’’

उन्होंने कहा कि गरीबी, सुरक्षा उपायों तक सीमित पहुंच और अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के कारण डूबने की घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में।

डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सही से देखरेख न करना, तैराकी का सीमित कौशल होना और जल सुरक्षा ज्ञान की कमी के कारण बच्चों को अत्यधिक असुरक्षित स्थिति का सामना करना पड़ता है। साथियों का दबाव और जोखिम उठाने वाला व्यवहार इस खतरे को और बढ़ा देता है।

क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि यद्यपि विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के अधिकांश देशों में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक रणनीतियां हैं फिर भी अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

वाजिद ने शासन को मजबूत करने, डूबने की घटनाओं की रोकथाम गतिविधियों को लागू करने के लिए एक समर्पित प्रमुख एजेंसी की स्थापना, अंतर-क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने, डूबने की घटनाओं के आंकड़ों में सुधार करने और साक्ष्य-आधारित समुदाय-स्तरीय हस्तक्षेपों को लागू करने के महत्व पर जोर दिया।

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