
नयी दिल्ली, दो अगस्त स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने शुक्रवार को पैकेट वाले खाद्य पदार्थों पर नमक, चीनी, वसा के बारे में मोटे अक्षरों में जानकारी देने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए एफएसएसएआई का स्वागत किया।
एसजेएम ने कहा कि इससे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर और अन्य बीमारियों में काफी कमी आएगी।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने हाल में पैकेट वाले खाद्य पदार्थों पर पोषण संबंधी जानकारी देने के नियमों में बदलाव को मंजूरी दी है। इसमें खाद्य उत्पादों के पैकेट पर नमक, चीनी और संतृप्त वसा की मात्रा की बड़े और मोटे अक्षरों में जानकारी देने की बात कही गई है।
एसजेएम के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने एक बयान में कहा कि लोगों में पैकेट वाले खाद्य पदार्थों, खासकर 'अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद' की हानिकारक सामग्री के बारे में जागरूकता की कमी है। ऐसे में लोग अनजाने में ही इन हानिकारक खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं।
महाजन ने कहा, ''ऐसी स्थिति में यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों को बताए कि कौन से खाद्य उत्पाद खाने के लिए सुरक्षित हैं और कौन से नहीं।''
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की निर्धारित सीमा से अधिक चीनी, नमक या संतृप्त वसा वाले खाद्य उत्पादों पर यदि ऐसी चेतावनी प्रदर्शित की जाती है, तो उपभोक्ता सजग हो सकेंगे और वे अपने भोजन के बारे में अधिक जानकारीपरक विकल्प चुन सकेंगे।
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