नयी दिल्ली, 10 फरवरी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि वह तीसरे कार्यकाल के लिए पहले से ही पूरी रूपरेखा तैयार करना शुरू कर चुके हैं और 15 लाख से अधिक लोगों से सुझाव लिए हैं. प्रधानमंत्री ने साथ ही कहा कि नया भारत ‘‘ अब बेहद तेज गति से काम करेगा.’’ प्रधानमंत्री ने टाइम्स ग्रुप के ‘ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट’ को संबोधित करते हुए कहा कि वह लगभग डेढ़ साल से देश के विकास को नई गति देने और गरीबी पर अंकुश लगाने के लिए नयी योजनाएं लागू कर रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस नीत संप्रग के शासनकाल की तुलना में अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में काम की गति और शासन की शैली में आए बदलाव का ब्योरा देते हुए कहा कि उनका तीसरा कार्यकाल और भी बड़े फैसलों का गवाह बनेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘ मैं पूरी रूपरेखा तैयार कर रहा हूं (तीसरे कार्यकाल की)...मैंने अनेक प्रकार से 15 लाख से अधिक लोगों से सुझाव लिए हैं. मैं पहली बार ये बात बता रहा हूं. काम जारी है और 20-30 दिन में यह अंतिम रूप ले लेगा. नया भारत इसी तेज गति से काम करेगा. ये मोदी की गारंटी है.’’ इस दौरान लोगों में काफी उत्साह दिखाई दिया. प्रधानमंत्री ने पिछली सरकार की अर्थव्यवस्था के कथित कुप्रबंधन और राष्ट्रीय सुरक्षा सहित अन्य शासन संबंधी मुद्दों और संसद में लाए गए ‘‘श्वेत पत्र’’ का जिक्र किया. यह भी पढ़ें : Abhishek Ghosalkar Murder Case: शिवसेना-यूबीटी नेता की एफबी लाइव हत्या मामले में मुंबई पुलिस ने जांच शुरू की, दो हिरासत में लिए गए, एक पकड़ा गया
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने देश को बहुत कठिन संकटों से बचाकर इस स्थिति तक पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि भारत की क्षमताओं और सफलता के बारे में इतनी सकारात्मक भावनाएं कभी नहीं थीं जितनी अब देखी जा रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा समय है जब हमारा उत्पादक निवेश रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और मुद्रास्फीति नियंत्रण में है.’’ उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा समय भी है आलोचकों की संख्या अब तक के सबसे निचले स्तर पर है. उन्होंने कहा कि लोकलुभावनवाद से दूर रहने के लिए उनकी सरकार के अंतरिम बजट की चौतरफा प्रशंसा हो रही है. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सरकार की ओर से लाई गई कई योजना की विस्तार से जानकारी दी. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विकास से जुड़े हरेक विशेषज्ञ समूह में इस बात पर चर्चा है कि भारत पिछले 10 वर्षों में बदल गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘कारोबारियों के लिए कुंभ मेले की तरह मानी जाने वाली दावोस बैठक में भी भारत को लेकर बहुत उत्साह था. वहां किसी ने कहा कि भारत एक अभूतपूर्व सफलता की कहानी है, किसी ने कहा कि भारत का डिजिटल बुनियादी ढांचा नई ऊंचाइयां छू रहा है जबकि किसी ने कहा कि ऐसी कोई जगह नहीं है जहां भारत का प्रभाव न हो.’’ मोदी ने कहा कि किसी भी देश की विकास यात्रा में एक समय ऐसा आता है जब सारी परिस्थितियां उसके पक्ष में होती हैं और उस समय वह देश आने वाली कई शताब्दियों के लिए खुद को मजबूत बनाता है. उन्होंने कहा, ‘‘अब मुझे भारत के लिए वही समय दिखता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह वह समय है जब हमारी वृद्धि दर लगातार बढ़ रही है और राजकोषीय घाटा कम हो रहा है. यह वह समय है जब हमारा निर्यात बढ़ रहा है और चालू खाते का घाटा कम हो रहा है. यह वह समय है जब उत्पादक निवेश रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और मुद्रास्फीति नियंत्रण में है.’’
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह वह समय है जब अवसर और आय दोनों बढ़ रही है और गरीबी कम हो रही है. यह वह समय है जब खपत और कंपनियों की लाभप्रदता दोनों बढ़ रही है और बैंकों की गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) में रिकॉर्ड गिरावट हुई है. यह वह समय है जब उत्पादन और उत्पादकता बढ़ रही है और यह वह समय है जब हमारे आलोचक अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की नीतियों में स्थिरता और निरंतरता है. उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति अधिक खर्च करने का दुष्परिणाम है और उनकी सरकार ने परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए ‘बचाया गया पैसा कमाया हुआ पैसा है’ के मंत्र का पालन किया. उन्होंने कहा, ‘‘हमने संसद भवन जैसी बड़ी परियोजनाओं को रिकॉर्ड समय में पूरा करके करदाताओं के पैसे को मान दिया. हमने कबाड़ से भी पैसा कमाया.’’