यूक्रेन की राजधानी कीव के उपनगर बुचा से सामने आई नागरिकों के शवों की भयावह तस्वीरों और वीडियो के बाद संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने रूस को 47-सदस्यीय मानवाधिकार परिषद से हटाने का आह्वान किया था. इन कृत्यों की दुनियाभर में निंदा की जा रही है और रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग भी की गई है. हालांकि, रूस ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है.
थॉमस-ग्रीनफील्ड ने सोमवार को कहा था, ‘‘ हमें यकीन है कि रूसी बलों ने यूक्रेन में युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है और हमारा मानना है कि इसके लिए रूस की जवाबदेही तय की जानी चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मानवाधिकार परिषद में रूस की भागीदारी एक स्वांग है. ’’ यह भी पढ़ें : Russia Ukraine War: राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस के साथ सुरक्षा गारंटी पर बातचीत के लिए बनाया प्रतिनिधिमंडल
महासभा की प्रवक्ता पॉलिना कुबियाक ने बुधवार को बताया कि यूक्रेन पर महासभा का आपातकालीन विशेष सत्र बृहस्पतिवार सुबह 10 बजे (ईडीटी) फिर से शुरू होगा. तभी ‘‘रूसी संघ के मानवाधिकार परिषद में सदस्यता के अधिकारों को निलंबित करने’’ के प्रस्ताव पर मतदान किया जाएगा.मानवाधिकार परिषद जिनेवा में स्थित है, इसके सदस्य 193-राष्ट्र महासभा द्वारा तीन साल के लिए चुने जाते हैं