नयी दिल्ली, 30 नवंबर एशियाई खेलों (जकार्ता 2018) की चार गुणा 400 मीटर रिले स्वर्ण विजेता धाविका वीके विस्मया ने डोपिंग के आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन्होंने चिकित्सा कारणों से दवा का सेवन किया था और जांच के लिए नमूना देने से पहले इसकी पूरी जानकारी दी थी।
विस्मया का डोप नमूना संग्रह के दौरान चिकित्सीय उपयोग छूट (टीयूई) की जानकारी देने का दावा अगर साबित हो जाता है तो उन्हें इस मामले में मदद मिल सकती है।
इस 27 वर्षीय एथलीट के मूत्र का नमूना 15 अगस्त को कोच्चि के पास पेरंबूर में उनके घर पर एक प्रतियोगिता से इतर परीक्षण के लिए लिया गया था और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने सितंबर में विस्मया को सूचित किया था कि उनके मूत्र के नमूने में ‘क्लोमीफीन’ था जो हार्मोन और मेटाबोलिक मॉड्यूलेटर श्रेणी में आता है। यह डोपिंग मामले में प्रतिबंधित दवा है। क्लोमीफीन एक गैर-स्टेरायडल दवा है जिसका उपयोग चिकित्सकीय रूप से महिलाओं में ‘ओव्युलेशन’ के लिए किया जाता है।
विस्मया ने कहा कि उन्होंने चिकित्सा जरूरत के मुताबिक डॉक्टर की सलाह पर इस दवा का सेवन किया था।
विस्मया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, ‘‘मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मुझे यह दवा मेरे डॉक्टर ने एक वैध चिकित्सा उद्देश्य (गर्भावस्था उपचार) के लिए दी थी। इसका खेल से जुड़े प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ‘क्लोमीफीन’ महिलाओं में प्रजनन से जुड़ी दवाओं की श्रेणी में आता है। यह आपके शरीर को ‘ओव्यूलेशन’ में मदद करके काम करता है, जिससे गर्भावस्था की संभावना बढ़ जाती है।’’
विस्मया ने कहा, ‘‘मैंने डोपिंग नियंत्रण फॉर्म पर अपनी सभी दवाइयों का पूरा विवरण दिया है। मैंने अपने उपचार के वैध चिकित्सा उद्देश्य की जानकारी के साथ मेडिकल रिकॉर्ड और सबूत संबंधित प्राधिकरण को सौंप दिए हैं।’’
इस मामले में विवाद का विषय यह हो सकता है कि उसने डोप परीक्षण से पहले टीयूई के लिए आवेदन किया था या नहीं।
विस्मया ने कहा कि अपने एथलेटिक्स करियर के दौरान उसने अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए कभी शॉर्टकट नहीं अपनाया या अपने मूल्यों से समझौता नहीं किया।
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