Omicron Variant: ओमीक्रोन के खिलाफ सतर्कता, जीनोम अनुक्रमण, सीमा निगरानी में सुधार और टीकाकरण की जरूरत : विशेषज्ञ
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

मुंबई, 3 दिसंबर : महाराष्ट्र सरकार के कोविड-19 कार्यबल के एक सदस्य ने बताया कि सतर्कता, जीनोम अनुक्रमण, सीमा निगरानी में सुधार और टीकाकरण कुछ ऐसी चीजें हैं जो कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ से निपटने के लिए आवश्यक हैं. कार्यबल के सदस्य एवं शहर के एक अस्पताल में संक्रामक रोगों के सलाहकार डॉ. वसंत नागवेकर ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि हालांकि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन ‘ओमीक्रोन’ चिंता का विषय जरूर है. उन्होंने कहा, ‘‘ हमें सतर्क रहने की जरूरत है. इस नए स्वरूप में 50 उत्परिवर्तन हुए हैं और इसने बहुत चिंता उत्पन्न की है. यह अधिक संक्रामक और प्रतिरक्षा-निरोधक भी हो सकता है. लेकिन अभी तक, इसके काई सबूत नहीं मिले हैं कि यह अधिक घातक संक्रमण है.

दक्षिण अफ्रीका से मिले प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार अधिकतर युवा इसकी चपेट में आए हैं और इस स्वरूप के लक्षण मामूली हैं.’’ डॉ. नागवेकर ने कहा कि अभी के लिए स्वरूप स्थिर प्रतीत होता है, अधिक संक्रामकता के साथ, कम घातक...जिससे संभवत: इससे संक्रमित होने पर लोगों को अधिक संख्या में अस्पताल में भर्ती कराने या इसकी चपेट में आने से मौत होने की आशंका कम है. यह भी पढ़ें : COVID-19 Update: ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे के बीच देश में कोरोना के मिले 9216 नए मरीज, 391 ने तोड़ा दम

उन्होंने लोगों से मास्क पहनने की अपील करते हुए कहा , ‘‘ हमें सतर्कता, जीनोम अनुक्रमण, सीमा निगरानी में सुधार और टीकाकरण बढ़ाने की जरूरत है.’’ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पहचाने गए कोरोना वायरस के इस नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ को ‘‘ चिंता का स्वरूप’’ बताया है.