अमेरिका के चिकित्सा जासूसों ने पहले ही भांप लिया था कोरोना वायरस खतरा
कोरोना वायरस (Photo Credits: IANS)

वाशिंगटन: नेशनल सेंटर फॉर मेडिकल इंटेलीजेंस में खुफिया, विज्ञान और चिकित्सा पेशेवर चुपचाप दशकों से चल रहा अपना काम कर रहे थे यानी अमेरिकी सेना को जोखिम में डालने वाले वैश्विक स्वास्थ्य खतरों पर नजर रख रहे थे. चिकित्सा खुफिया ईकाई ने 25 फरवरी को चेतावनी दी थी कि कोरोना वायरस 30 दिनों के भीतर एक वैश्विक महामारी बन जाएगा और उसके अपने खतरे का स्तर भी बढ़ा दिया था.

इसके महज 15 दिन बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस (Covid-19) को तेजी से फैल रही वैश्विक महामारी घोषित कर दिया था. चेतावनी के समय अमेरिका में कोरोना वायरस के बहुत कम मामले सामने आए थे. उसी दिन नयी दिल्ली में मौजूद ट्रम्प ने ट्वीट किया था, ‘‘कोरोना वायरस अमेरिका में काफी हद तक नियंत्रण में है.’’ यह भी पढ़ें: अमेरिका के मिशिगन में सामाजिक दूरी बनाने के गवर्नर के आदेश के खिलाफ सैकड़ों लोगों ने किया प्रदर्शन

हालांकि, इसके फौरन बाद यह संक्रामक रोग दुनियाभर में फैल गया. यह केंद्र अपना काम स्वास्थ्य एवं मानवीय सेवा मंत्री समेत रक्षा और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ साझा करता है. न्यूजवीक की एक खबर के मुताबिक 25 फरवरी की चेतावनी के बारे में ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ को जानकारी दी गई थी लेकिन यह अभी मालूम नहीं है कि क्या ट्रम्प या व्हाइट हाउस के अन्य अधिकारियों ने इसे देखा था.