विदेश की खबरें | बीजिंग के युद्धाभ्यास के एक सप्ताह बाद अमेरिकी और कनाडाई युद्धपोत ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरे
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है।

अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि सभी देशों के लिए नौवहन की स्वतंत्रता के सिद्धांत को कायम रखने के लिए विध्वंसक पोत ‘यूएसएस हिगिंस’ और कनाडाई युद्धपोत ‘एचएमसीएस वैंकूवर’ ताइवान जलडमरूमध्य से ‘‘नियमित’’ रूप से गुजरे।

अमेरिकी नौसेना के पोत चीन को ताइवान से अलग करने वाले संवेदनशील जलमार्ग से नियमित रूप से गुजरते हैं। ऐसे में कभी-कभी मित्र देशों के पोत भी उसके साथ होते हैं।

चीन ने इस युद्धाभ्यास की निंदा करते हुए कहा कि यह क्षेत्र में शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचाता है।

‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ की ‘ईस्टर्न थियेटर कमांड’ ने कहा कि उसने अमेरिकी और कनाडाई पोतों के पारगमन की निगरानी के लिए ‘‘कानून के अनुसार’’ नौसेना और वायु सेना को तैनात किया है।

अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े ने बयान में कहा कि पोत ‘‘ऐसे जल क्षेत्र से गुजरे जहां समुद्री नौवहन और हवाई क्षेत्र में उड़ान की स्वतंत्रता अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत लागू होती है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘ताइवान जलडमरूमध्य में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के नौवहन के अधिकारों और स्वतंत्रता को सीमित नहीं किया जाना चाहिए।’’

चीन ने सोमवार को ताइवान और उसके बाहरी द्वीपों के आसपास बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया जिसमें युद्धक विमानों के साथ एक विमानवाहक पोत भी तैनात किया गया। उसका यह कदम ताइवान जलडमरूमध्य में तनावपूर्ण स्थिति को दर्शाता है।

चीन ने सैन्य अभ्यासों में एक दिन में रिकॉर्ड 125 सैन्य विमानों का इस्तेमाल किया।

चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि यह अभ्यास ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के बीजिंग की उन मांगों को मानने से इनकार करने की प्रतिक्रिया है कि ताइवान खुद को कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के तहत चीन के हिस्से के रूप में स्वीकार करे।

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