नयी दिल्ली, 23 नवंबर पूर्व नौकरशाह उपमन्यु चटर्जी को उनके लिखे उपन्यास ‘लौरेंजो सर्चेज फॉर दी मीनिंग ऑफ लाइफ’ के लिए शनिवार को 2024 का ‘जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर’ प्रदान किया गया।
‘स्पीकिंग टाइगर’ द्वारा प्रकाशित चटर्जी के उपन्यास ‘लौरेंजो सर्चेज फॉर दी मीनिंग ऑफ लाइफ’ की कहानी 1977 में इटली के एक्विलीना में रहने वाले 19 साल के लौरेंजो सेनेसी पर केंद्रित है। लौरेंजो एक दुर्घटना में घायल होने के बाद महीनों बिस्तर पर रहता है और यहीं से उसके जीवन का उद्देश्य तलाश करने की यात्रा शुरू होती है।
पटना में 1959 में पैदा हुए और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज के छात्र रहे उपमन्यु चटर्जी ने अपने जीवन के 30 से अधिक साल भारतीय प्रशासनिक सेवा में गुजारे और 2016 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृति ली तथा अपना पूरा समय लेखन को दे दिया।
उनके अन्य प्रकाशित उपन्यासों में ‘इंग्लिश, अगस्त: एन इंडियन स्टोरी’, ‘दी लास्ट बर्डन,’ ‘दी मैमरीज ऑफ दी वेल्फेयर स्टेट’, और ‘वेट लॉस’ प्रमुख हैं।
राष्ट्रीय राजधानी से सटे बल्लभगढ़ में जेसीबी के मुख्यालय में आयोजित समारोह में पुरस्कार की घोषणा की गई और चटर्जी को 25 लाख रूपये के पुरस्कार के साथ ही एक ट्रॉफी ‘मिरर मैल्टिंग’ प्रदान की गई जिसे दिल्ली के कलाकारों ठुकराल और टागरा ने डिजाइन किया है।
पुरस्कार प्राप्त करने के बाद चटर्जी ने अपने संक्षिप्त वक्तव्य में कहा, ‘‘जब मैं इसे लिख रहा था तो लगा कि ये बहुत ही उबाऊ (कहानी) है, लेकिन लगता है कि ये काम कर गया। इसलिए आपका शुक्रिया।’’
जेसीबी पुरस्कार के तहत विजेता लेखक को 25 लाख रुपये प्रदान किये जाते हैं। जेसीबी पुरस्कार की जूरी में लेखक जेरी पिंटो (अध्यक्ष), फिल्म निर्माता शौनक सेन, कला समीक्षक दीप्ति शशिधरन, अनुवादक त्रिदीप सुहृद और कलाकार एक्वी थामी शामिल थे।
पिंटो ने ‘पीटीआई-’ को बताया, ‘‘मेरे लिए किताब एक कैनवास की तरह है क्योंकि यह लेखक के दिल और आत्मा का कैनवास होती है। लेखन एक आस्था की यात्रा है।’’
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