लखनऊ, 23 नवंबर उत्तर प्रदेश में विधानसभा की नौ सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सीत सीट पर जीत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक स्थिति को और मजबूत बना दिया।
वहीं कांग्रेस के चुनाव न लड़ने और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के फिर से खराब प्रदर्शन ने समाजवादी पार्टी (सपा) को एक बार फिर राज्य में प्रमुख विपक्षी दल के रूप में स्थापित कर दिया।
राज्य में उपचुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ था क्योंकि इस वर्ष लोकसभा चुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन ने सत्तारूढ़ गठबंधन को तगड़ा झटका दिया था।
भाजपा गठबंधन ने विधानसभा की जिन सात सीट पर जीत हासिल की, उनपर जीत हासिल करने वाले उम्मीदवार इस बात पर एकमत थे कि आदित्यनाथ और (हिंदू) एकता के उनके आह्वान ने जीत में बड़ी भूमिका निभाई।
निर्वाचन आयोग के नतीजों की आधिकारिक पुष्टि किए जाने से पहले ही आत्मविश्वास से लबरेज आदित्यनाथ ने शनिवार अपराह्न साढ़े तीन बजे लखनऊ में पार्टी कार्यालय पहुंचकर ‘एक हैं तो सेफ हैं, बंटेंगे तो कटेंगे’ के महत्व को दोहराया।
भाजपा ने अगस्त में पहली बार यह नारा दिया था लेकिन उपचुनाव में इसे बखूबी इस्तेमाल किया गया।
भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ घर-घर संपर्क अभियान में ‘हिंदू एकता’ को समझाते हुए माहौल को और मजबूत किया।
भाजपा के एक नेता ने ‘पीटीआई-’ से कहा, “संवाद के दौरान हमने लोगों से जाति के आधार पर न बंटने और एकजुट होकर मतदान करने का आग्रह किया। हमारे नेताओं द्वारा लगाए गए ‘बटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ के नारों ने संदेश को जल्दी से घर-घर पहुंचाने में मदद की।”
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