लखनऊ, 23 जून : उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों पर बृहस्पतिवार को हो रहे उपचुनाव के लिए छिटपुट घटनाओं के बीच मतदान जारी है. निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक, दोपहर एक बजे तक दोनों सीटों पर क्रमश: 29.48 प्रतिशत और 26.39 फीसदी वोट पड़े. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने दोनों ही जिलों में प्रशासन पर मतदान को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग से शिकायत की है. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए मतदान सुबह सात बजे शुरू हो गया और यह शाम छह बजे तक चलेगा. जानकारी के अनुसार, दोपहर एक बजे तक आजमगढ़ में 29.48 प्रतिशत और रामपुर में 26.39 फीसदी मतदान हुआ.
सपा ने अपने आधिकारिक हैंडल से किए गए ट्वीट में आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, आजमगढ़ और मेहनगर विधानसभा क्षेत्रों के सभी मतदान केंद्रों से कथित तौर पर साजिश के तहत सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर मतदान में गड़बड़ी करने की नीयत से सपा के सभी बूथ एजेंटो को बाहर निकाल दिए जाने का आरोप लगाया है.
पार्टी ने रामपुर में भी मतदान को प्रभावित करने के मकसद से स्वार विधानसभा क्षेत्र के टांडा और दरयाल इलाकों में पुलिस द्वारासपा कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. रामपुर के बिलासपुर के एक मतदान स्थल पर हंगामे की खबर है. यहां वोट डालने आए एक बुजुर्ग के साथ एक दारोगा द्वारा कथित रूप से अभद्रता किए जाने से नाराज लोगों ने हंगामा किया. प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने मौके पर पहुंचकर नाराज लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया. यह भी पढ़ें : उप्र : वृद्धा ने परिवार के छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया
आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटें प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल सपा के सांसदों क्रमशः अखिलेश यादव और आजम खान के विधानसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद लोकसभा से इस्तीफा देने के कारण खाली हुई हैं. सत्तारूढ़ भाजपा जहां उपचुनावों में जीत हासिल कर सपा को उसके गढ़ माने जाने वाले इन क्षेत्रों में झटका देना चाहेगी, वहीं सपा अपने दोनों मजबूत किलों को महफूज रखने की जीतोड़ कोशिशों में जुटी है. आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा क्षेत्र सपा के मजबूत गढ़ माने जाते हैं. आजमगढ़ सीट से अखिलेश यादव से पहले उनके पिता मुलायम सिंह यादव सांसद थे. इसलिए इस सीट पर हो रहा उपचुनाव सपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय है. दूसरी ओर, रामपुर लंबे समय से आजम खान के दबदबे वाला क्षेत्र रहा है और सपा ने रामपुर लोकसभा उपचुनाव का जिम्मा भी उन्हीं को सौंपा है.
भाजपा ने आजमगढ़ सीट पर हो रहे उपचुनाव में भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को एक बार फिर मैदान में उतारा है. वहीं, सपा ने बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली पर दांव लगाया है. आजमगढ़ में मुख्य मुकाबला इन्हीं तीनों के बीच माना जा रहा है. वैसे, क्षेत्र में कुल 13 उम्मीदवार उपचुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में यादव और मुस्लिम मतदाताओं का अच्छा-खासा प्रभाव है. यहां यादव मतदाताओं की तादाद 21%, जबकि मुस्लिम वोटरों की आबादी 15% के करीब है. इसके अलावा, 20% दलित और 18% अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के गैर-यादव मतदाता मौजूद हैं.
वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. उस समय सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को तीन लाख 61 हजार मतों से पराजित किया था. वहीं, रामपुर लोकसभा क्षेत्र में 17 लाख से अधिक मतदाता हैं. क्षेत्र के 50% वोटर हिंदू और करीब 49% मतदाता मुस्लिम हैं. वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार आजम खान ने भाजपा प्रत्याशी जयाप्रदा को एक लाख नौ हजार 997 मतों के भारी अंतर से हराया था. रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सीधा मुकाबला सपा के आसिम राजा और भाजपा के घनश्याम सिंह लोधी के बीच है. लोधी पूर्व में आजम खान के करीबी रह चुके हैं. उन्होंने हाल ही में भाजपा का दामन थामा है.