देश की खबरें | उप्र: पंचायती राज नियमों में संशोधन की वैधानिकता को चुनौती

लखनऊ, आठ अप्रैल इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पंचायती राज नियमों में हाल में किए गए संशोधन की वैधानिकता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग से बृहस्पतिवार को जवाब तलब किया।

पंचायती राज नियमों में हाल में किए गए संशोधन के तहत वर्ष 2015 के नियमों को आधार बनाते हुए राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में ''रोटेशनल कोटा'' उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।

न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति मनीष माथुर पीठ ने यह निर्देश दिलीप कुमार की याचिका पर दिए हैं।

कुमार ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पिछले 26 मार्च को त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए जारी अधिसूचना को भी चुनौती दी है।

याचिकाकर्ता की दलील है कि रोटेशन प्रणाली की शुरुआत वर्ष 1995 से हुई थी और वर्ष 2015 को नया आधार वर्ष बनाए जाने का कोई भी नियम नहीं है।

कुमार की दलील है कि पंचायत नियमावली में किया गया संशोधन संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 की मंशा तथा संविधान के मूल ढांचे के विपरीत है।

राज्य सरकार के अधिवक्ता एचपी श्रीवास्तव तथा अनुराग कुमार सिंह ने इस याचिका का विरोध किया।

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