देश की खबरें | रिश्वत की रकम सरकारी खजाने में जमा कराने के मामले में दो कर्मचारी बर्खास्त

नोएडा, 10 जून गौतमबुद्ध नगर बिजली विभाग में 54 लाख रुपए के कथित रिश्वतखोरी कांड में अधिशासी अभियंता संजय शर्मा और मुख्य खजांची महेश कुमार को उत्तर प्रदेश सरकार ने बर्खास्त कर दिया है, वहीं इस मामले के तीसरे आरोपी लेखा अधिकारी रामरतन सुमन पर अभी आरोप तय नहीं हुए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

जांच समिति ने संजय शर्मा और महेश कुमार के खिलाफ रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद उनकी सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।

गौतमबुद्ध नगर उप्र विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) वी एन सिंह ने बताया कि 12 जून, 2019 से 5 मार्च 2020 तक अधिशासी अभियंता संजय शर्मा की तैनाती नोएडा जोन में थी। इसी बीच 5 अक्टूबर 2019 को निगम के राजस्व खाते में 54 लाख रुपए बिना किसी रसीद के जमा कराए गए थे। जबकि निगम की ओर से स्पष्ट संहिता है कि एक बार में अधिकतम 40 लाख रुपए ही जमा कराए जा सकते हैं। मामला सामने आने पर दोनों कर्मियों ने अफसरों को जवाब दिया कि उपभोक्ता से बिल की अग्रिम राशि जमा कराई गयी है।

उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच करने के लिए एमडी स्तर से एक कमेटी बनाई गई। कमेटी की जांच रिपोर्ट अनिल कुमार निगम (उप सचिव) ने उत्तर प्रदेश विद्युत निगम के अध्यक्ष एम देवराज को सौंपी। उन्होंने पड़ताल के बाद आरोपियों से जवाब मांगे और सुनवाई के बाद दोनों को दोषी पाया गया तथा बर्खास्त कर दिया गया। जांच में अधिशासी अभियंता और मुख्य खजांची द्वारा यह राशि रिश्वत के तौर पर लेने और गलती से राजस्व खाते में जमा करने की बात सामने आई है।

बिजली विभाग के सूत्रों के अनुसार जिले में तैनात अधिशासी अभियंता संजय शर्मा ने एक कंपनी को बिजली कनेक्शन दिलाने के एवज में कथित रूप से 54 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। इस रकम को उन्होंने अकाउंट विभाग के कर्मचारियों के पास रख दिया था। कर्मचारी ने इसे सरकारी रकम समझते हुए विभाग के राजस्व खाते में जमा करा दिया। बाद में संजय ने पैसे मांगे तो पता चला कि वह रकम सरकारी खाते में जमा कराई जा चुकी है। उधर खाते का ऑडिट हुआ तो उसमें 54 लाख रूपये अतिरिक्त मिले। इसके बाद यह पूरा मामला खुलता चला गया।

अपर उपायुक्त (जोन प्रथम) रणविजय सिंह ने बताया कि इस मामले में बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता बीएल मौर्य ने थाना सेक्टर 20 में 9 मार्च 2020 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि विद्युत नगरीय वितरण खंड द्वितीय सेक्टर 18 का विजया बैंक में खाता है। उक्त बैंक में 2019 में 54 लाख रुपए की धनराशि जमा कराई गई थी। लेकिन तत्कालीन अधिशासी अभियंता संजय शर्मा, तत्कालीन सहायक लेखा अधिकारी रामरतन सुमन तथा तत्कालीन कार्यालय सहायक रमेश कुमार ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके धोखाधड़ी कर उक्त रकम को राजस्व खाते में नहीं दिखाया। उन्होंने बताया कि इस मामले में आईपीसी की धाराओं 420, 409, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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