तबलीगी जमात के सदस्यों को लेकर ट्वीट: आईएएस अधिकारी ने कहा, नियमों के मुताबिक देंगे जवाब
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बेंगलुरु, दो मई कोरोना वायरस से ठीक हुए तबलीगी जमात के सदस्यों द्वारा अन्य मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा दान करने को लेकर किये गए ट्वीट पर कर्नाटक सरकार द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने के एक दिन बाद आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने शनिवार को कहा कि वह नियमों के मुताबिक उसका जवाब देंगे।

आईएएस अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘हां, मुझे नोटिस मिला है और मैं जल्द ही नियमों के मुताबिक उसका जवाब दूंगा।’’

मोहसिन ने कहा कि उन्होंने एक निजी समाचार चैनल की केवल एक खबर साझा की थी और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उनके ट्वीट को लेकर इतना हंगामा क्यों मचा है।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इस विवाद के पीछे कोई षड्यंत्र नजर आता है, अधिकारी ने कहा, ‘‘आप हर समय सभी को खुश नहीं कर सकते।’’

अधिकारी पिछले वर्ष उस समय खबरों में आये थे जब चुनाव आयोग ने उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गत अप्रैल में ओडिशा दौरे के दौरान उनके हेलीकाप्टर का निरीक्षण करने का प्रयास करने के लिए निलंबित कर दिया था। अधिकारी को एक चुनाव पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात किया गया था।

मोहसिन ने गत 27 अप्रैल को ट्वीट किया था, ‘‘300 से अधिक तबलीगी नायक देश की सेवा के लिए केवल नयी दिल्ली में प्लाज्मा दान कर रहे हैं। गोदी मीडिया का क्या? वे इन नायकों द्वारा किये गए मानवता के कार्य नहीं दिखाएंगे।’’

कर्नाटक काडर के 1996 बैच के अधिकारी मोहसिन बिहार के रहने वाले हैं और वर्तमान समय में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में एक सचिव के तौर पर कार्यरत हैं।

राज्य सरकार ने कहा कि अधिकारी को उनके ट्वीट के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।

नोटिस के बारे में पीटीआई को प्राप्त जानकारी के अनुसार इसमें कहा गया है, ‘‘कोविड-19 की गंभीर प्रकृति और इससे जुड़ी संवेदनशीलता को देखते हुए मीडिया में इस ट्वीट को जो कवरेज मिली है उसे सरकार ने गंभीरता से संज्ञान में लिया है।’’

सरकार ने अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 का उल्लंघन करने के लिए अधिकारी से पांच दिन के भीतर एक लिखित स्पष्टीकरण मांगा है।

तबलीगी जमात इस वर्ष तब सुर्खियों में आया था जब दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए उसके सैकड़ों सदस्य कोविड-19 से संक्रमित पाये गए थे।

इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद इसके सदस्य देश के विभिन्न हिस्सों में गए थे और उनमें से कई इससे संक्रमित थे।

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