TMC On Sourav Ganguly: तृणमूल कांग्रेस ने कहा, सौरव को ‘अपमानित’ करने का प्रयास कर रही है भाजपा
Trinamool Congress (Photo Credit : Twitter)

कोलकाता, 12 अक्टूबर : रोजर बिन्नी के सौरव गांगुली की जगह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष बनने की संभावना से जुड़ी खबरों के बीच पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान को ‘अपमानित करने की कोशिश’ करने का आरोप लगाया क्योंकि वह उन्हें पार्टी में शामिल करने में विफल रहे. तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा ने पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच यह संदेश फैलाने की कोशिश की थी कि राज्य में बेहद लोकप्रिय गांगुली पार्टी में शामिल होंगे. टीएमसी ने यह भी दावा किया कि यह ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का एक उदाहरण है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई के सचिव पद पर बने रह सकते हैं लेकिन गांगुली अध्यक्ष पद पर ऐसा नहीं कर सकते.

हालांकि भाजपा ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी ‘प्रिंस ऑफ कोलकाता’ के नाम से लोकप्रिय गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश नहीं की. घोष ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘भाजपा बंगाल के लोगों के बीच एक संदेश फैलाना चाहती थी जैसे कि वह सौरव को पार्टी में शामिल करने जा रही हो.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इस मामले में सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं लेकिन चूंकि भाजपा ने चुनाव के दौरान और बाद में इस तरह का प्रचार किया इसलिए निश्चित रूप से भाजपा की जिम्मेदारी होगी कि वह इस तरह की अटकलों का जवाब दे (कि गांगुली को बीसीसीआई प्रमुख के रूप में दूसरा कार्यकाल नहीं मिलने के पीछे राजनीति है). ऐसा लगता है कि भाजपा सौरव को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है.’’ यह भी पढ़ें : Congress President Election: अध्यक्ष पद के प्रचार के लिए आज गुजरात आएंगे शशि थरूर

अमित शाह का जिक्र करते हुए तृणमूल के राज्य महासचिव ने कहा कि ‘भाजपा के एक बड़े नेता’ इस साल मई में गांगुली के घर रात्रि भोज के लिए गए थे. आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने इसे ‘निराधार’ करार दिया. उन्होंने कहा, ‘‘हमें नहीं पता कि भाजपा ने सौरव गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश कब की. सौरव गांगुली एक दिग्गज क्रिकेटर हैं. कुछ लोग अब बीसीसीआई में बदलाव पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. क्या उनकी कोई भूमिका थी जब उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था. टीएमसी को हर मुद्दे का राजनीतिकरण करना बंद कर देना चाहिए.’’