देश की खबरें | तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल उपचुनावों में पार्टी के शानदार प्रदर्शन को सराहा, विपक्ष ने मंथन की बात कही

कोलकाता, 23 नवंबर पश्चिम बंगाल में सभी छह विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शनिवार को दावा किया कि विपक्षी दलों भाजपा और माकपा द्वारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ फैलाए गए ‘‘झूठ और कपट’’ मतदाताओं को प्रभावित करने में विफल रहे।

हालांकि, भाजपा समेत विपक्षी दलों ने इस बात पर जोर दिया कि ये परिणाम सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ विभिन्न मुद्दों पर‘‘बढ़ते जन आक्रोश’’ को परिलक्षित नहीं करते। विपक्षी दलों ने भविष्य के चुनावों में टीएमसी का मुकाबला करने के लिए अपने संगठनात्मक आधार को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

वरिष्ठ भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा को आगामी चुनावों में जनता के असंतोष को चुनावी समर्थन में बदलने के लिए अपने संगठनात्मक आधार को मजबूत करना चाहिए। अधिकारी ने कहा, ‘‘आगामी चुनावों में लोगों के असंतोष को वोटों में बदलने के लिए भाजपा को संगठनात्मक आधार को और मजबूत करने की जरूरत है।’’

टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी के सभी छह उम्मीदवारों को उनकी जीत के लिए बधाई दी। उन्होंने दावा किया कि टीएमसी ने ‘‘जमीदारों, मीडिया और कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक वर्ग द्वारा अपने निहित स्वार्थों के लिए बंगाल को बदनाम करने के लिए खड़े किए गए विमर्श को चुनौती दी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं ‘बांग्ला विरोधियों’ और उनके फर्जी विमर्श को लोकतांत्रिक तरीके से खत्म करने तथा हम पर भरोसे को फिर से पुष्ट करने के लिए पश्चिम बंगाल के लोगों का तहे दिल से आभारी हूं।’’

वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने नतीजों को अधिक तवज्जो नहीं दी। मजूमदार ने कहा, ‘‘उपचुनाव के नतीजे विश्वसनीय संकेतक नहीं हो सकते। लोग टीएमसी के साथ हैं या उनके खिलाफ, यह आगामी विधानसभा चुनावों में दिखेगा।’’

पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि परिणाम ‘‘पूर्व निर्धारित’’ थे क्योंकि लोगों को वोट देने से रोका गया।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘परिणाम पूर्व निर्धारित थे क्योंकि लोगों को वोट देने की अनुमति नहीं थी।’’

चौधरी ने टीएमसी की जीत और आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद हुए विरोध-प्रदर्शनों के बीच किसी भी तरह के संबंध को खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘वह (आरजी कर घटना) एक अलग मामला है। अब, इस जीत के बाद, ममता बनर्जी यह कहने की कोशिश करेंगी कि अस्पताल में जो कुछ भी हुआ वह सही है क्योंकि उनकी पार्टी जीत गई है।’’

माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने भी आरजी कर की घटना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों को लेकर कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि लोग आरजी कर में ड्यूटी पर तैनात एक महिला डॉक्टर के खिलाफ अपराध तथा राज्य प्रशासन और सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा जिम्मेदार लोगों को बचाकर स्थिति की गंभीरता को छिपाने के प्रयासों के विरोध में सड़कों पर उतरे।’’

चक्रवर्ती ने टीएमसी की जीत को स्वीकार किया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि इस जीत के कारण लोगों की मौजूदा शिकायतों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

तृणमूल कांग्रेस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बावजूद पश्चिम बंगाल में शानदार प्रदर्शन किया और राज्य में छह विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सभी पर जीत दर्ज की है।

तृणमूल ने इस उपचुनाव में मदारीहाट सीट भाजपा से छीन ली जबकि अपनी पांच सीट बरकरार रखीं।

वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उन सीट के मौजूदा विधायकों के विधायक के तौर पर इस्तीफे के बाद छह निर्वाचन क्षेत्रों - नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर, तलडांगरा, सिताई (सुरक्षित) और मदारीहाट (सुरक्षित) में उपचुनाव हुआ था।

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