ट्रांसजेंडर समुदाय ने कोविड-19 लॉकडाउन के बीच विशेष पैकेज की मांग की
इन लोगों ने सरकार से स्थिति सामान्य होने तक प्रत्येक ट्रांसजेंडर (किन्नर) व्यक्ति को हर महीने कम से कम 3,000 रुपये की मदद देने का आग्रह किया है।
नयी दिल्ली, 28 अप्रैल ट्रांसजेंडर समुदाय के 2,000 से अधिक लोगों ने गृह, वित्त एवं सामाजिक न्याय के केंद्रीय मंत्रालयों को मंगलवार को पत्र लिखकर, अपने समुदाय के लिए विशेष पैकेज की मांग की जिसके पास लॉकडाउन के बीच “आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं है और वह दिहाड़ी मजदूरों जितना ही कमजोर है।”
इन लोगों ने सरकार से स्थिति सामान्य होने तक प्रत्येक ट्रांसजेंडर (किन्नर) व्यक्ति को हर महीने कम से कम 3,000 रुपये की मदद देने का आग्रह किया है।
मंत्रालयों को लिखे गए उनके पत्र में कहा गया है, “यह इसलिए जरूरी है क्योंकि ज्यादातर ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, ज्यादातर राज्यों में उन्हें पेंशन नहीं मिलती है और कई ट्रांसजेंडर व्यक्ति किराए के घरों में रहते हैं।”
उन्होंने सरकार से किन्नरों समेत सभी जरूरतमंद नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) को सर्वव्यापी बनाने की भी अपील की।
पत्र में कहा गया, “एक आदेश जारी करें जिसमें यह अनिवार्य किया जाए कि किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति को किराया देने के लिए मजबूर न किया जाए या किराया नहीं देने पर उनके मकान मालिकों द्वारा उन्हें घर से नहीं निकाला जाना चाहिए।”
इसमें कहा गया, “ज्यादातर किन्नर अत्यंत गरीबी में, समाज में हाशिए पर रहते हैं और भीख मांगने तथा यौन कार्यों के जरिए आजीविका चलाते हैं और दोनों ही काम ऐसे हैं जिसमें लोगों की मौजूदगी और शारीरिक संपर्क जरूरी है।”
पत्र में कहा गया, “सामाजिक दूरी अनिवार्य बनाए जाने के बाद ट्रांसजेंडर लोगों के लिए आय का स्रोत ही छिन गया है। आय का स्थायी स्रोत नहीं होने के कारण हमारी स्थिति दिहाड़ी मजदूरों जितनी ही संवेदनशील है।”
समुदाय के प्रतिनिधियों ने सरकार से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सभी जरूरी दवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की भी अपील की।
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