सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने वालों को ट्रायल पर बुलाया जिससे लगे काम को लेकर तत्पर हूं: रीजीजू

कर्नाटक के कम्बाला धावक श्रीनिवास गौड़ा और मध्य प्रदेश के रामेश्वर गुर्जर ने पिछले साल प्रतिकूल हालात में दौड़ लगातार सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरी थी।

जमात

नयी दिल्ली, तीन मई खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने रविवार को स्वीकार किया कि भैंसों के साथ दौड़कर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने धावकों को तुरंत ट्रायल के लिए बुलाने का फैसला दबाव में किया गया जिससे कि लगे कि वह अपने काम को लेकर तत्पर हैं।

कर्नाटक के कम्बाला धावक श्रीनिवास गौड़ा और मध्य प्रदेश के रामेश्वर गुर्जर ने पिछले साल प्रतिकूल हालात में दौड़ लगातार सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरी थी।

माना जा रहा था कि इन्होंने 11 सेकेंड में 100 मीटर दौड़ पूरी की थी जिससे ये दोनों सोशल मीडिया पर छा गए और लोग उन्हें अगला उसेन बोल्ट कहने लगे।

रीजीजू ने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश में किसी ने गांव के एक लड़के का दौड़ते हुए वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया, साथ में टिप्पणी की कि वह उसने बोल्ट से तेज दौड़ रहा है। जब यह वायरल हो गया तो मैं इसकी अनदेखी कर सकता था लेकिन मान लीजिए कि मैं समय पर प्रतिक्रिया नहीं देता तो लोग कहते कि खेल मंत्री चुप बैठा है, वह इसका संज्ञान नहीं ले रहा।’’

रामेश्वर हालांकि ट्रायल में उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे और 100 मीटर की दूरी उन्होंने बामुश्किल 12.9 सेकेंड में पूरी की।

रीजीजू ने कहा, ‘‘शिवराज सिंह चौहान ने भी मुझे इस मामले को देखने को कहा इसलिए मैंने भारतीय खेल प्राधिकरण की टीम को उसे परखने के लिए भोपाल भेजा। मुझे उसकी क्षमता पता थी लेकिन देश को नहीं पता कि खेल की प्रकृति क्या है। लोगों ने बस यह कहना शुरू कर दिया कि वह बोल्ट से तेज दौड़ा और ऐसा जागरूकता की कमी के कारण हुआ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘परीक्षण के दौरान वह जूनियर खिलाड़ियों के साथ भी प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाया, सीनियर खिलाड़ियों को तो छोड़ ही दीजिए। वह 100 मीटर की दूरी 13 सेकेंड में भी पूरी नहीं कर पाया। उसने कभी ट्रेनिंग नहीं ली, वह 25-26 साल का था तो आयु भी उसके पक्ष में नहीं थी, उसे यह भी नहीं पता था कि दौड़ने वाले जूते कैसे पहने जाते हैं।’’

रीजीजू ने कम्बाला धावक गौड़ा की कहानी भी जताई जिनका कर्नाटक में पारंपरिक भैंसा दौड़ के दौरान प्रदर्शन सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसके बाद मंत्री को 28 साल के इस धावक को बेंगलुरू के साइ केंद्र में बुलाने को बाध्य होना पड़ा। इस धावक की 100 मीटर दौड़ सिर्फ 9.55 सेकेंड में पूरी करने की वीडियो सामने आई थी।

खेल मंत्री ने कहा, ‘‘इसके चार-पांच महीने के बाद खबर आई कि किसी ने कर्नाटक में भैंसा दौड़ में उसेन बोल्ट का रिकार्ड तोड़ दिया। यहां तक कि पेशेवर लोगों, कुछ व्यवसायियों, भारत के कुछ जाने माने लोगों ने भी कहा कि यह व्यक्ति 100 मीटर में ओलंपिक स्वर्ण पदक लाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘समस्या यह है कि लोगों को जानकारी और समझ नहीं है। अगर मैं जवाब नहीं दूंगा तो वे कहेंगे कि खेल मंत्री चुपचाप बैठा है।’’

रीजीजू ने कहा, ‘‘लोग सोच रहे होंगे कि खेल मंत्री क्या कर रहा है, वह इस तरह की अपरिपक्व बातों पर प्रतिक्रिया दे रहा है लेकिन खेल की जानकारी नहीं रखने वाले वर्गों को मुझे दिखाना होगा कि मैं भारतीय खेलों को लेकर तत्पर हूं और मैं खिलाड़ियों के लिए मौजूद हूं। क्षमतावान खिलाड़ियों को मैं सभी तरह के मौके दूंगा इसलिए मुझे यह दिखाना था।’’

खेल मंत्री ने कहा कि समय आ गया है कि लोग क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों के बारे में अपनी समझ बढ़ाएं जिससे कि भारत खेल महाशक्ति बन सके।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

Share Now

\