नयी दिल्ली, 29 जून : उच्चतम न्यायालय ने उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और मुंबई में उनके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराए जाने को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय के फैसले पर बुधवार को रोक लगा दी. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने केंद्र की याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें उच्च न्यायालय के 31 मई और 21 जून के दो आदेशों को चुनौती दी गई थी. पीठ ने अपने आदेश में कहा, “नोटिस जारी किया जाए जिसका जवाब 21 जुलाई तक देना है. इस बीच, 31 मई और 21 जून के आदेश को लागू करने पर रोक लगाई जाती है.”
केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय में आगे की कार्यवाही पर भी रोक लगाई जाए क्योंकि मुंबई में किसी को सुरक्षा देने का त्रिपुरा से कोई लेनादेना नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर कार्यवाही को रोका नहीं गया तो उन्हें फिर से अदालत का रुख करना पड़ेगा. इस पर पीठ ने मेहता से कहा, “जब हमने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है तो आपको लगता है कि आपको यहां आने की जरूरत होगी? अगर जरूरत पड़ेगी तो हम यहां उपलब्ध हैं.” यह भी पढ़ें : Chhattisgarh: शादी का प्रलोभन देकर बलात्कार के आरोप में तहसीलदार के खिलाफ मामला दर्ज
त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने विकास सिन्हा की ओर से दायर जनहित याचिका पर दो अंतरिम आदेश जारी किये थे और केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि अंबानी को खतरे के संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा बनाई गई मूल फाइल सौंपी जाए जिसके आधार पर अंबानी और उनके परिवार को सुरक्षा दी गई थी.