देश की खबरें | ‘द कश्मीर फाइल्स’ : इजराइली फिल्म निर्माता के बयान की विवेक अग्निहोत्री, अनुपम खेर ने की आलोचना

मुंबई, 29 नवंबर इजराइली फिल्म निर्माता नदव लापिद द्वारा ‘द कश्मीर फाइल्स’ को ‘‘दुष्प्रचार करने वाली’’ फिल्म बताने के एक दिन बाद इस फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि सच सबसे खतरनाक चीज है क्योंकि यह लोगों को झूठा बना सकता है।

अग्निहोत्री की इस प्रतिक्रिया से पहले ‘द कश्मीर फाइल्स’ में काम करने वाले अभिनेता अनुपम खेर ने मंगलवार को कहा कि सत्य हमेशा असत्य पर विजय प्राप्त करेगा।

गौरतलब है कि गोवा में 53वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के जूरी प्रमुख और इज़राइली फिल्मकार नदव लापिद ने सोमवार को हिंदी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को ‘दुष्प्रचार करने वाली‘ और ‘भद्दी’ फिल्म बताया था।

अग्निहोत्री ने ट्वीट किया, ‘‘सुप्रभात। सच सबसे खतरनाक चीज है। यह लोगों को झूठा बना सकता है।’’

इस फिल्म के लेखक एवं निर्देशक विवेक अग्निहोत्री हैं। इसका निर्माता ‘ज़ी स्टूडियोज’ है। फिल्म पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों की हत्या के बाद समुदाय के कश्मीर से पलायन पर आधारित है।

‘द कश्मीर फाइल्स’ इस साल 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। यह इफ्फी के ‘इंडियन पनोरमा सेक्शन’ का हिस्सा थी और इसका 22 नवंबर को प्रदर्शन किया गया था।

इस फिल्म को लेकर हुई आलोचनाओं के बावजूद इसने बॉक्स ऑफिस पर 330 करोड़ रुपये की कमायी की थी। इस फिल्म ने राजनीतिक दलों के बीच बहस भी शुरू कर दी थी जब मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा शासित कई राज्यों ने इसे मनोरंजन कर से छूट दी थी।

खेर ने महान अमेरिकी फिल्म निर्माता स्टीवन स्पिलबर्ग की प्रख्यात होलोकास्ट ड्रामा ‘शिंडलर्स लिस्ट’ की तस्वीरों के साथ ही ‘द कश्मीर फाइल्स’ की एक तस्वीर भी पोस्ट की। ‘शिंडलर्स लिस्ट’ 1993 में आयी फिल्म थी जो जर्मन उद्योगपति ऑस्कर शिंडलर पर आधारित थी जिन्होंने एक हजार से ज्यादा पोलिश-यहूदी शरणार्थियों को द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अपनी फैक्ट्रियों में काम देकर विनाश से बचाया था।

अभिनेता ने कहा, ‘‘झूठ कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसकी तुलना में यह हमेशा सच से छोटा होता है।’’

फिल्म में अनुपम खेर, दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी समेत कलाकारों ने अभिनय किया था।

इफ्फी 2022 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए लापिद ने कहा कि फिल्म समारोह में इस फिल्म का प्रदर्शन किए जाने से वह "परेशान और हैरान" हैं।

इस समारोह में खेर और बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार भी शामिल हुए।

इस फिल्म पर लापिद की टिप्पणियों ने सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा कर दिया है और इस पर विभिन्न वर्गों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने फिल्म निर्माता की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें ‘‘शर्मिंदा’’ होना चाहिए क्योंकि उन्होंने फिल्म महोत्सव में जज के पैनल की अध्यक्षता करने के भारत के निमंत्रण का ‘‘सबसे अधिक दुरुपयोग’’ किया।

गिलोन ने सिलसिलेवार ट्वीट कर एक खुले पत्र में कहा कि लापिद को ‘‘शर्मिंदा’’ होना चाहिए और उन्होंने इसकी वजह भी दी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस तरह के बयानों की कड़ी निंदा करता हूं। इसका कोई औचित्य नहीं है। यह यहां कश्मीर मुद्दे की संवेदनशीलता दिखाता है।’’

अंतरराष्ट्रीय फिल्म जूरी का हिस्सा रहे भारतीय फिल्म निर्देशक सुदिप्तो सेन ने लापिद के बयान से दूरी बनायी। उन्होंने कहा कि लापिद के बयान उनकी निजी राय है।

लापिद के बयान पर भाजपा के गोवा प्रवक्ता सेवियो रोड्रिगेज ने मीडिया से कहा, ‘‘फिल्म निर्माता तथा इफ्फी जूरी प्रमुख नदव लापिद द्वारा ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर दिया बयान पूर्व में कश्मीरी हिंदुओं द्वारा झेली गयी भयावहता का अपमान है।’’

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी सरकार, भाजपा ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ का जमकर प्रचार किया। भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ने इस फिल्म को खारिज कर दिया। जूरी प्रमुख नदव लापिद ने इसे ‘दुष्प्रचार करने वाली, भद्दी फिल्म - फिल्म महोत्सव के लिए अनुचित बताया।’’

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इजराइली फिल्म निर्माता के भाषण का वीडियो लिंक साझा किया। उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के एक संवेदनशील मुद्दे को दुष्प्रचार की वेदी पर बलिदान कर दिया गया।’’

बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए पहचाने जाने वाली अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने फिल्म महोत्सव के समापन समारोह में लापिद की टिप्पणियों को लेकर एक खबर का लिंक साझा किया। उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर तौर पर यह दुनिया के लिए साफ है...।’’

भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने लापिद द्वारा ‘द कश्मीर फाइल्स’ की निंदा किए जाने की तुलना नरसंहार को खारिज किए जाने से की, जिसमें हिटलर सरकार ने लाखों यहूदियों की हत्या कर दी थी।

मालवीय ने कहा, ‘‘लंबे समय तक लोगों ने नरसंहार को भी मानने से इनकार कर दिया था तथा शिंडलर्स लिस्ट को दुष्प्रचार बताया था जैसा कि कुछ लोग कश्मीर फाइल्स के साथ कर रहे हैं। अंतत: सच की जीत होती है।’’

अभिनेत्री-फिल्म निर्माता नंदिता दास ने भी अपने ट्विटर पेज पर खबर साझा की है।

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