नयी दिल्ली, 31 अगस्त: दिल्ली उच्च न्यायालय ने नाबालिग के साथ अश्लील हरकत करने के आरोपी व्यक्ति (63) को जमानत दे दी और निर्देश दिया कि 10 वर्षीय पीड़िता की काउंसिलिंग कराई जाए क्योंकि इस तरह की घटनाएं ‘गहरा आघात’ पहुंचाती हैं. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि आरोपी एक बुजुर्ग व्यक्ति है और उसे मानसिक रूप से अस्थिर बताया जा रहा है. न्यायाधीश ने इस पर भी गौर किया कि आरोपी ने ना तो लड़की को छुआ और ना ही उसके साथ मौखिक रूप से दुर्व्यवहार किया गया.
अदालत ने ताजा आदेश में कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस तरह की घटनाएं पीड़िता पर गहरा आघात पहुंचाती हैं, लेकिन इसी के साथ अदालत को संतुलन स्थापित करना पड़ेगा...मामले के गुण-दोष पर गौर किए बिना और आरोपी की उम्र और उसका कोई पिछला आपराधिक इतिहास नहीं होने को देखते हुए, आरोपी को 20,000 रुपये के निजी मुचलके और निचली अदालत की संतुष्टि के लिए 20 हजार की जमानत राशि के साथ जमानत दी जाती है.’’अदालत ने कहा, ‘‘जांच अधिकारी को निर्देश दिया जाता है कि पीड़िता की काउंसिलिंग कराने की व्यवस्था करें. एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) में शामिल हो सकता है.’’
वर्तमान मामले में, याचिकाकर्ता आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 509 (शब्द या इशारा के माध्यम से किसी महिला की गरिमा के उल्लंघन का इरादा) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 12 (यौन उत्पीड़न के लिए सजा) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उसे 24 जून, 2023 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में था.
पीड़िता ने आरोप लगाया कि 23 जून की सुबह वह अपने घर की सीढ़ी के पास जब बैठी थी, तभी पड़ोस में रहने वाले याचिकाकर्ता ने उसे अपना निजी अंग दिखाया और कुछ कहा.
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