देश की खबरें | हनीट्रैप में फंसे सरकारी कर्मचारी को अब भी विश्वास नहीं कि उसकी प्रेमिका पाकिस्तानी एजेंट थी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली के सेना भवन में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रवि प्रकाश मीणा को विश्वास नहीं हो पा रहा है कि उसने जिस महिला से प्यार किया, वह पाकिस्तानी एजेंट थी।

जयपुर, 22 अक्टूबर दिल्ली के सेना भवन में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रवि प्रकाश मीणा को विश्वास नहीं हो पा रहा है कि उसने जिस महिला से प्यार किया, वह पाकिस्तानी एजेंट थी।

हनीट्रैप (मोहपाश) में फंसे 31 वर्षीय मीणा पर सेना से जुड़ी संवेदनशील एवं रणनीतिक जानकारी साझा करने का आरोप है और वह इस समय जेल में है।

मीणा के मामले की जांच से जुड़े एक खुफिया अधिकारी ने यहां बताया कि मीणा फेसबुक के जरिए एक युवती का दोस्त बना और वह उसके ‘‘प्यार में पागल’’ था।

राजस्थान में करौली जिले के सपोटारा के रहने वाले मीणा को अक्टूबर के पहले सप्ताह में पकड़ा गया था। वह 2017 के बाद से राज्य पुलिस द्वारा इस तरह के मामलों में गिरफ्तार ऐसा 35वां व्यक्ति है, जिसे इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) समेत पाकिस्तानी एजेंट के हनीट्रैप में फंसकर संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

मीणा के मामले से जुड़े अधिकारी ने कहा, "पाकिस्तानी एजेंट ने खुद को पश्चिम बंगाल में तैनात भारतीय सेना अधिकारी अंजलि तिवारी के रूप में पेश किया। मीणा को गिरफ्तारी के बाद भी और सबूतों को देखकर भी विश्वास नहीं हो रहा था कि वह महिला एक पाकिस्तानी एजेंट थी।"

राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (खुफिया) उमेश मिश्रा ने आठ अक्टूबर को मीणा की गिरफ्तारी के बाद बताया था कि मीणा महिला के साथ सेना संबंधी गोपनीय और रणनीतिक जानकारी साझा कर रहा था।

मिश्रा ने बताया था कि महिला एजेंट ने मीणा को अपने मोहपाश में फंसाकर और धनराशि का प्रलोभन देकर सामरिक महत्व के तहत वर्गीकृत दस्तावेज मांगे थे और आरोपी ने ये दस्तावेज सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंट को मुहैया कराए और बदले में उसके बैंक खाते में धन राशि डाली गई।

राजस्थान पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, इस तरह के मामलों में 2017 के बाद से अब तक आम नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों सहित 35 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से 2017 में छह, 2019 में पांच, 2020 में पांच, 2021 में आठ और इस साल अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

मिश्रा ने पीटीआई- को बताया, "पहले मामलों में लोग पैसे के बदले गोपनीय और रणनीतिक जानकारी प्रदान करते थे, लेकिन अब यह देखा जा रहा है कि लोगों को फंसाया जा रहा है, भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल किया जा रहा है और फिर पैसे के बदले में जानकारी मांगी जा रही है।"

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