वाशिंगटन, 10 सितंबर : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इस बार भारत में आम चुनाव के नतीजों ने ‘‘मोदी का विचार’’ ध्वस्त कर दिया और प्रधानमंत्री द्वारा पैदा किया गया ‘‘डर’’ गायब हो गया तथा ‘‘इतिहास’’ बन गया. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल अभी अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर हैं. उन्होंने सोमवार को यहां प्रतिष्ठित जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी और वाशिंगटन डीसी के वर्जीनिया के एक उपनगर हर्नडॉन में एक अन्य कार्यक्रम को संबोधित किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सभी को समान अवसर उपलब्ध नहीं थे और उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई में सत्तारूढ़ गठबंधन ध्वस्त हो गया, ‘‘एकदम बीच से’’ टूट गया.
राहुल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद चीजें बदल गयी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी द्वारा पैदा किया डर एक सेकंड में गायब हो गया. उस डर को पैदा करने में कई साल लग गए, बहुत सारी योजनाएं बनायी गयी और काफी पैसा लगाया गया लेकिन इसे खत्म होने में केवल एक सेकंड लगा.’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस साल लोकसभा चुनाव के बाद लगातार तीसरी बार सरकार बनायी लेकिन भाजपा को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला. राहुल ने कहा, ‘‘मैं आपको बता दूं कि मोदी का विचार - 56 इंच का सीना, ईश्वर से सीधा जुड़ाव- सब गायब हो गया, अब यह इतिहास है.’’ उन्होंने यह भी दावा किया कि सत्तारूढ़ गठबंधन टूट गया है और ‘‘बिल्कुल बीच से’’ टूट गया है. यह भी पढ़ें : कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 24 सितंबर को सुनवाई करेगी शीर्ष अदालत
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह महज प्रधानमंत्री के बारे में नहीं है, यह उससे कहीं अधिक गहरा है. भारत में क्या हुआ है कि श्री (नरेन्द्र) मोदी को सत्ता में लाने वाला गठबंधन ही ध्वस्त हो गया. यह बिल्कुल बीच से टूट गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए आप देखेंगे कि इन चुनावों में उन्हें परेशानी होगी. क्योंकि यह मूल विचार कि श्री मोदी भारत के लोगों के लिए सरकार चला रहे हैं, यह खत्म हो गया है.’’ राहुल ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के लिए सभी को समान अवसर उपलब्ध नहीं कराए गए. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे स्वतंत्र चुनाव नहीं मानता हूं. मैं इसे काफी हद तक नियंत्रित चुनाव मानता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि अगर निष्पक्ष चुनाव होता तो भाजपा 240 सीटों के आसपास भी कहीं आती.’’ उन्होंने कहा कि पार्टी के पास ‘‘भारी वित्तीय बढ़त’’ थी.
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘निर्वाचन आयोग वही कर रहा था जो वे चाहते थे. पूरा प्रचार अभियान ऐसे बनाया गया कि मोदी जी देशभर में अपना एजेंडा चला सकें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने अपने बैंक खाते सील होने के बीच चुनाव लड़ा और मूल रूप से मोदी का विचार ध्वस्त कर दिया. आप यह देख सकते हैं क्योंकि अब जब आप प्रधानमंत्री को संसद में देखते हैं...वह मनोवैज्ञानिक रूप से उलझ गए हैं और वह समझ नहीं पा रहे हैं कि यह कैसे हो गया.’’एक सवाल पर राहुल ने कहा कि आधे प्रचार के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी ने यह नहीं सोचा था कि उन्हें 300 या 400 के आसपास सीटें मिलेंगी. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्हें जल्द ही समझ आ गया था कि यह चीज गलत दिशा में जा रही है. हमें पुष्ट सूत्रों से प्रतिक्रियाएं मिल रही थीं...यह साफ था कि वे मुसीबत में हैं.’’
राहुल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ऐसे व्यक्ति हैं, जैसा कि आप जानते हैं कि वह कई वर्षों तक गुजरात में थे और उन्होंने कभी राजनीतिक रूप से प्रतिकूल किसी स्थिति का सामना नहीं किया, फिर भारत के प्रधानमंत्री बन गए. अचानक से यह विचार टूटना शुरू हो गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते थे. जब उन्होंने कहा कि मैं सीधे ईश्वर से बात करता हूं, तो हमें पता चल गया कि हमने वास्तव में उन्हें हिला दिया है. लोग सोचते थे कि प्रधानमंत्री का यह कहना है कि ‘मैं खास हूं, मैं अलग हूं और मैं ईश्वर से बात करता हूं’. लेकिन हम इसे ऐसे नहीं देखते थे. आंतरिक रूप से, हमने इसे मनोवैज्ञानिक रूप से टूटने के तौर पर देखा, यहां क्या हुआ? यह चीज कैसे काम नहीं कर रही है?’’ शनिवार को अमेरिका पहुंचे राहुल ने टेक्सास के डलास में भारतीय समुदाय के सदस्यों और युवाओं से बातचीत की. उनकी वाशिंगटन डीसी में सांसदों और अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करने की भी योजना है.