गुजरात,31 अक्टूबर: देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल (Vallabhbhai Patel) की 145वीं जयंती पर 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद और हिंसा से कभी किसी का कल्याण नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, "प्रगति के प्रयासों के बीच कई ऐसी चुनौतियां भी हैं जिनका सामना आज भारत और पूरा विश्व कर रहा है. बीते कुछ समय से दुनिया के अनेक देशों में जो हालात बने हैं, कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं, यह आज मानवता के लिए, विश्व के लिए, शांति के उपासकों के लिए वैश्विक चिंता का विषय बना हुआ है."
उन्होंने कहा कि इस माहौल में दुनिया के सभी देशों को, सभी सरकारों को सभी पंथों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की सबसे ज्यादा जरूरत है. मोदी ने कहा, "शांति, भाईचारा और परस्पर आदर का भाव मानवता की सच्ची पहचान है. शांति, एकता और सद्भाव ही उसका मार्ग है. आतंकवाद और हिंसा से कभी भी किसी का कल्याण नहीं हो सकता." प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तो पिछले कई दशकों से आतंकवाद को भुक्तभोगी रहा है और इसके खिलाफ लड़ाई में उसने हजारों जवानों और निर्दोष नागरिकों को खोया है.
उन्होंने कहा, "आतंकवाद की पीड़ा को भारत भली-भांति जानता है. भारत ने आतंकवाद को हमेशा अपनी एकता से, दृढ़ इच्छाशक्ति से जवाब दिया है. आज पूरे विश्व को भी एकजुट होकर हर उस ताकत को हराना है जो आतंक के साथ है, जो आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है." देश की विविधता को उसकी ताकत और अस्तित्व बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश एकजुट है तो असाधारण हैं, लेकिन भारत की ये एकता और ये ताकत दूसरों को खटकती भी रहती है. उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा, "हमारी इस विविधता को ही कुछ लोग हमारी कमजोरी बनाना चाहते हैं. ऐसी ताकतों को पहचानना जरूरी है, सतर्क रहने की जरूरत है."
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