नयी दिल्ली, 11 दिसंबर तमिलनाडु के कुछ लोकसभा सदस्यों ने मदुरै जिले में टंगस्टन खनन अधिकार के लिए एक निजी कंपनी को लाइसेंस दिए जाने का विरोध करते हुए बुधवार को कहा कि क्षेत्र की जनता के संरक्षण के लिए केंद्र को इस लाइसेंस को रद्द करना चाहिए।
द्रविण मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की सदस्य कनिमोई ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि मदुरै जिले में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को टंगस्टन खनन का लाइसेंस देने के खिलाफ क्षेत्र में प्रदर्शन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में टंगस्टन खनन के अनेक पर्यावरण संबंधी, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव हो सकते हैं तथा क्षेत्र एवं उसकी जनता के संरक्षण के लिए तत्काल केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
द्रमुक सदस्य ने कहा कि यह जैव विविधता संरक्षित क्षेत्र है और यहां टंगस्टन खनन के कारण होने वाले रिसाव से खेती भी प्रभावित हो सकती है।
कनिमोई ने कहा कि तमिलनाडु सरकार लगातार परियोजना का विरोध कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने खनन अधिकार देने से पहले राज्य के प्राधिकारों से बात नहीं की।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु विधानसभा ने परियोजना के विरोध में सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया है और राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर परियोजना पर जल्द से जल्द रोक लगाने का अनुरोध किया है।
पार्टी नेता टी आर बालू ने इसी मुद्दे को उठाते हुए कहा कि मदुरै जिले में टंगस्टन खनन के पर्यावरण संबंधी नुकसान हो सकते हैं और तमिलनाडु सरकार
निजी कंपनी को खनन अधिकार देने के भी खिलाफ है।
कांग्रेस सदस्य मणिकम टैगोर ने भी शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया।
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