
अमेरिका में राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन का कार्यकाल खत्म होने और डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है।
तालिबान ने कैदियों की इस अदला-बदली की प्रशंसा करते हुए इसे अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच संबंधों के ‘‘सामान्य’’ बनाने की दिशा में एक कदम बताया। हालांकि, दुनिया के अधिकतर देश अभी भी तालिबान के शासन को मान्यता नहीं देते हैं। माना जाता है कि दो अन्य अमेरिकी अभी भी अफगानिस्तान में बंधक हैं।
इस अदला-बदली के लिए वार्ता में अमेरिका, तालिबान और कतर शामिल थे।
काबुल में तालिबान के विदेश मंत्रालय ने अदला बदली की पुष्टि करते हुए कहा कि अमेरिकी नागरिकों को खान मोहम्मद नामक कैदी के बदले में छोड़ा गया है।
मोहम्मद को दो दशक पहले पूर्वी अफगानिस्तान के प्रांत नांगरहार में गिरफ्तार किया गया था और वह कैलिफोर्निया की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।
तालिबान द्वारा बंधक बनाए गए अमेरिकी नागरिक रयान कॉर्बेट के परिवार ने एक बयान में पुष्टि की कि उसे रिहा कर दिया गया है। अमेरिकी नागरिक विलियम मैकेंटी को भी रिहा किया गया है। हालांकि उसके बारे में कोई विवरण सामने नहीं आया है।
तालिबान विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता हाफिज जिया अहमद तकाल ने कहा कि मोहम्मद अफगानिस्तान पहुंच गया है और अपने परिवार के साथ है।
मंत्रालय ने कहा कि यह अदला-बदली अमेरिका के साथ ‘‘लंबे समय तक चली सकारात्मक बातचीत’’ का परिणाम है और संवाद के माध्यम से समस्याओं को हल करने का यह एक अच्छा उदाहरण है।
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