Sweden: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्वीडन में भारतीय समुदाय के साथ की बातचीत

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्वीडन में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की और यूरोपीय संघ (ईयू) एवं हिंद-प्रशांत मंत्रिस्तरीय मंच (ईआईपीएमएफ) के लिए स्टॉकहोम की अपनी यात्रा के दौरान भारत में जारी बदलावों को रेखांकित किया.

(Photo Credit : Twitter)

स्टॉकहोम, 15 मई: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्वीडन में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की और यूरोपीय संघ (ईयू) एवं हिंद-प्रशांत मंत्रिस्तरीय मंच (ईआईपीएमएफ) के लिए स्टॉकहोम की अपनी यात्रा के दौरान भारत में जारी बदलावों को रेखांकित किया. जयशंकर यूरोपीय संघ हिंद-प्रशांत मंत्रिस्तरीय मंच (ईआईपीएमएफ) में शामिल होने के लिए स्वीडन के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. यह भी पढ़ें: India Strong Reply To USCIRF: धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिका के USCIRF रिपोर्ट को भारत ने नकारा, विदेश मंत्रालय ने दिया करारा जवाब, कही ये बात

विदेश मंत्री ने रविवार शाम को ट्वीट किया, ‘‘स्वीडन में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करके खुशी हुई। हम अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, ऐसे में मैंने उन्हें हमारे द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में हुई प्रगति से अवगत कराया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्वीडन का ईयू के सदस्य, एक नॉर्डिक साझेदार और एक साथी बहुपक्षवादी देश के रूप में महत्व है. हमने भारत में जारी उन बदलावों के बारे में बात की, जो हमारी वैश्विक उपस्थिति को बढ़ाते हैं और विदेशों में भारतीयों के लिए अवसर पैदा करते हैं.’’

इससे पहले जयशंकर ने स्वीडन के अपने समकक्ष टोबियास बिलस्ट्रॉम के साथ रविवार को यहां व्यापक चर्चा की। इस दौरान हिंद-प्रशांत, यूरोप की सामरिक स्थिति तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था को जोखिम मुक्त करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया. विदेश मंत्री के तौर पर जयशंकर की यह पहली स्वीडन यात्रा है. जयशंकर ऐसे समय में यह यात्रा कर रहे हैं, जब भारत और स्वीडन अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 साल पूरे कर रहे हैं. स्वीडन वर्तमान में ईयू परिषद की अध्यक्षता कर रहा है.

जयशंकर ने स्वीडन के रक्षा मंत्री पॉल जॉनसन से भी मुलाकात की और दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय एवं वैश्विक सुरक्षा पर विचारों का आदान-प्रदान किया. विदेश मंत्री ने शनिवार को ईआईपीएमएफ को संबोधित किया और भारत और यूरोपीय संघ के बीच ऐसे ‘‘नियमित, समग्र और स्पष्ट संवाद’’ का आह्वान किया, जो केवल आज के संकट तक ही सीमित न हो.

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्वीकरण हमारे दौर की एक वास्तविकता है. दूरदराज के क्षेत्र और देश दुनिया में कहीं भी होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं से हम अछूते नहीं रह सकते. न ही हम उन्हें अपनी सुविधा के अनुसार चुन सकते हैं.’’ विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत खुद ही वैश्विक राजनीतिक की दिशा में तेजी से अहम होता जा रहा है.

यूरोपीय संघ तथा हिंद-प्रशांत एक-दूसरे के साथ जितनी भागीदारी करेंगे, उतना ही बहुध्रुवीयता मजबूत होगी और याद रखिए जिस बहुध्रुवीय दुनिया को यूरोपीय संघ पसंद करता है, वह बहुध्रुवीय एशिया के जरिये ही संभव है.’’ जयशंकर स्वीडन से भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए ब्रसेल्स रवाना होंगे. इस बैठक में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल तथा केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी शामिल होंगे।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\