मुंबई, 21 अक्टूबर शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्रों में तेजी रही और सेंसेक्स 163 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। बैंक और आईटी कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली के असर को वित्तीय कंपनियों के शेयरों में अच्छी लिवाली ने खत्म कर दिया।
उतार-चढ़ाव भरे कारोबाार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 162.94 अंक यानी 0.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 40,707.31 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान इसमें 825.54 अंक का उतार-चढ़ाव आया।
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इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 40.85 अंक यानी 0.34 प्रतिशत बढ़कर 11,937.65 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक लाभ में पावरग्रिड रही। इसमें 4.13 प्रतिशत की तेजी आयी। इसके अलावा, भारती एयरटेल, टाटा स्टील, एनटीपीसी, एचडीएफसी बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, कोटक बैंक और एचडीएफसी में भी अच्छी तेजी रही।
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मानक सूचकांकों में आधे से अधिक तेजी एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी से आयी।
दूसरी तरफ जिन शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी, उनमें टीसीएस, नेस्ले इंडिया, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचसीएल टेक और बजाज फाइनेंस शामिल हैं। इनमें 2.30 प्रतिशत तक की गिरावट आयी।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘शुरूआती घंटों के कारोबार में भारतीय बाजार ने मजबूत सकारात्मक प्रवृत्ति दिखायी। दोपहर कारोबार में बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट से इसमें तीव्र सुधार आया। फ्यूचर ग्रुप सौदे को लेकर विवाद के कारण रिलायंस इंडउस्ट्रीज में गिरावट आयी, जिसका असर बाजार पर पड़ा। लेकिन दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम से बाजार में भरोसा बना रहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अबतक परिणाम अच्छे हैं जबकि भविष्य में अगर वित्तीय नतीजे कमजोर होते हैं या उम्मीद से कम रहते हैं तो उसका असर पड़ेगा। अमेरिका में प्रोत्साहन को लेकर उम्मीद कम होने से पश्चिी बाजारों में गिरावट आयी। हमारा अनुमान है कि निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा। इसका कारण परिणाम का काफी हद तक प्रभाव पड़ चुका है और अमेरिकी चुनाव की तारीख करीब है।’’
वैश्विक स्तर पर एशिया के अन्य बाजारों में चीन में हांगकांग, जापान का तोक्यो और दक्षिण कोरिया का सोल सकारात्मक बढ़त के साथ बंद हुए जबकि चीन में शंघाई बाजार नुकसान में रहा।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा। इसका प्रमुख कारण ब्रिटेन सरकार की कर्ज को लेकर घोषणा है। उसने कहा कि उसका कर्ज वित्त वर्ष की पहली छमाही में उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 1.14 प्रतिशत घटकर 42.67 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
विदेशी विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया शुरूआती बढ़त को गंवाते हुए 9 पैसे टूटकर 73.58 पर बंद हुआ।
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