देश की खबरें | एसपीजी ने तीन विशेष बख्तरबंद वाहनों की पंजीकरण अवधि बढ़ाने के लिए न्यायालय का रुख किया

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के उस फैसले को चुनौती दी जिसमें तीन विशेष बख्तरबंद वाहनों की पंजीकरण अवधि पांच वर्ष बढ़ाने से इनकार कर दिया गया था।

यह मामला न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष आया। पीठ ने इस बात पर आपत्ति जताई कि विशिष्ट बल ने अपने वाहन के पंजीकरण के लिए एनजीटी का दरवाजा खटखटाया जबकि उसे एम सी मेहता मामले में शीर्ष अदालत जाना चाहिए था।

शीर्ष अदालत एम सी मेहता मामले में जारी जनहित याचिका के माध्यम से दिल्ली में वायु प्रदूषण के संकट मामले की सुनवाई कर रहा है।

एसपीजी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से मामले पर तत्काल विचार करने का आग्रह किया और वाहनों के महत्व का हवाला देते हुए पंजीकरण अवधि बढ़ाने की मांग की।

तुषार मेहता ने कहा कि ये वाहन विशेष सुरक्षा समूह के लिए अहम हैं।

पीठ ने मामले को अन्तरवर्ती आवेदन (इंटरलोक्यूटरी एप्लीकेशन) में तब्दील कर दिया तथा मामले की सुनवाई 16 दिसंबर के लिए निर्धारित की।

हरित अधिकरण ने 22 मार्च को राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि डीजल वाहन होने के कारण इनके 10 वर्ष पूरे होने पर इन्हें एनसीआर में चलने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

एनजीटी ने कहा था, ‘‘ हम इस तथ्य से अवगत हैं कि ये तीन वाहन विशेष प्रयोजन वाहन हैं जो सामान्य रूप से उपलब्ध नहीं होते हैं और ये वाहन पिछले दस वर्षों में बहुत कम चले हैं। साथ ही ये प्रधानमंत्री की सुरक्षा के विशिष्ट उद्देश्य के लिए आवश्यक हैं लेकिन 29 अक्टूबर 2018 के उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर, एम.ए. में की गई प्रार्थना को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।’’

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