महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के 841 श्रमिकों को लेकर विशेष ट्रेन लखनऊ पहुंची
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कोरोना वायरस से संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के चलते ये श्रमिक 25 मार्च से नासिक में फंसे हुए थे।

देशव्यापी बंद के दौरान किसी दूसरे राज्य से प्रवासियों को लेकर उत्तर प्रदेश आने वाली यह पहली ट्रेन है।

यह विशेष ट्रेन झांसी तथा कानपुर होते हुये रविवार को सुबह लखनऊ पहुंची। रेलवे ने एक मई को मजदूर दिवस पर घोषणा की थी कि वह 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनें चलायेगी, जो 25 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा के बाद से दूसरे राज्यों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और छात्रों को उनके संबंधित गृह राज्य पहुंचाने के लिये होंगी ।

रेलवे ने पहली ट्रेन शुक्रवार को हैदराबाद से झारखंड के लिए रवाना की थी ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी कामगार श्रमिकों के आगमन को देखते हुए प्रदेश के जिलों में कुल 12 से 15 लाख क्षमता के आश्रय गृह और पृथक केंद्र तैयार किए जाने का निर्देश दिया है।

बाद में राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि आश्रय गृह और पृथक केंद्र तैयार करने का काम अंतिम चरण में है। उन्होंने निर्देश दिए कि वहां पर शुद्ध पेयजल, स्वच्छता, सुरक्षा और शौचालय की व्यवस्था का ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने सामुदायिक किचन की व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए ताकि हर प्रवासी कामगार को शुद्ध और ताजा भोजन उपलब्ध कराया जा सके।

उन्होंने कहा, “ पृथक केंद्र में स्वास्थ्य जांच के बाद प्रवासी अगर स्वस्थ हैं तो खाद्य सामग्री और भरण पोषण भत्ता उपलब्ध कराकर उन्हें पृथक-वास के लिए घर भेजा जाए। अगर किसी श्रमिक में अस्वस्थता के लक्षण हों तो पृथक केंद्र में ही पूरी जांच कराई जाए और अगर कोई श्रमिक संक्रमित है तो अस्पताल के पृथक वार्ड में उसकी व्यवस्था कराई जाए।”

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को स्वयं ही पृथक केंद्र, आश्रय गृह और सामुदायिक रसोई की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के लिए कहा है।

चारबाग रेलवे स्टेशन पर, रविवार सुबह पांच बज कर 34 मिनट पर पहली घोषणा हुई कि नासिक से आने वाली 02121 श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्लेटफार्म संख्या एक पर ही कुछ ही मिनटों में आ रही है । करीब पांच बजकर 52 मिनट पर स्पेशल ट्रेन के इंजन की लाइट प्लेटफॉर्म से दिखने लगी थी । इसके बाद रेलवे और पुलिस कर्मचारी सावधानी की मुद्रा में आ गये । प्लेटफॉर्म पर टीटीई की भी तैनाती की गयी थी ताकि वे यह सुनिश्चित कर सकें कि नासिक से आने वाले यात्रियों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुये ट्रेन से उतारा जा सके और प्लेटफार्म पर खड़ा किया जा सके।

प्लेटफॉर्म पर जैसे ही ट्रेन ने प्रवेश किया उसमें बैठे मजदूर खुशी के मारे अपना हाथ हिलाने लगे ।

स्टेशन से यात्रियों की निकासी की निगरानी कर रहे रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यात्रियों के स्टेशन से बाहर निकलने के लिये दो रास्ते बनाये गये । एक ट्रेन के शुरूआती डिब्बों के पास से जबकि दूसरा ट्रेन के पिछले डिब्बे वाले यात्रियों के लिये।

इस बीच ट्रेन से उतरे यात्री सामाजिक दूरी का पालन करते हुये मेडिकल जांच के बाद एक-एक करके स्टेशन से बाहर निकले औऔर इस दौरान उन्होंने जल्दबाजी नही दिखाई ।

स्वास्थ्य जांच पूरी होने के बाद यात्रियों को खाने का एक-एक पैकेट दिया गया और उन्हें अपने- अपने जिलों को जाने वाली बसो में बैठने को कहा गया। उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम ने यात्रियों को उनके गृह जिलों तक पहुंचाने के लिये रेलवे स्टेशन के बाहर बसों का इंतजाम किया था।

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस ने बताया कि परिवहन निगम ने रेलवे स्टेशन के बाहर 32 बसों की व्यवस्था की है। ये बसें यात्रियों को प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित उनके घरों तक पहुंचाएंगी।

यूपीएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक राजशेखर ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा, ''परिवहन निगम की बसों से 841 यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान तक भेजा गया। ज्यादातर यात्री प्रदेश के सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, कन्नौज और बहराइच के हैं।

जफर अरूनव

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