भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शहडोल जिले के एक सरकारी अस्पताल में कथित रूप से चिकित्सकीय ऑक्सीजन आपूर्ति का दबाव कम हो जाने से कोविड-19 सेंटर के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) वार्ड में छह मरीजों की मौत हो गई. यह घटना शहडोल जिला मुख्यालय से करीब दो किलोमीटर दूर एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में शनिवार-रविवार की बीच रात को हुई. मध्य प्रदेश: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की
मृतकों के परिजनों को आरोप है कि ऑक्सीजन की कमी से उनकी मौत हुई है, जबकि जिला प्रशासन ने इस आरोप को गलत बताते हुए कहा कि जिन छह मरीजों की मौत हुई है, उनमें से किसी भी मरीज की मौत ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं होने के कारण नहीं हुई है.
सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ मिलिंद शिरालकर ने बताया, ‘‘मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 सेंटर के आईसीयू वार्ड में 62 गंभीर मरीज भर्ती थे. बीती देर रात तरल ऑक्सीजन का दबाव कम हो जाने से इन मरीजों में से छह मरीजों की मौत हो गई.’’ उन्होंने कहा कि हालांकि, अन्य गंभीर मरीज सुरक्षित है.
शिरालकर ने बताया, ‘‘विशेषज्ञों को बुलाया गया है और इस घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है.’’ उन्होंने कहा कि शहडोल मेडिकल कॉलेज में 10 केएलडी भंडारण क्षमता वाला ऑक्सीजन संयंत्र है. इसके लिए तरल ऑक्सीजन बाहर के राज्यों से आती है क्योंकि मध्य प्रदेश में इसका उत्पादन नहीं होता.
शिरालकर ने बताया कि शनिवार देर शाम तक ऑक्सीजन खत्म हो रही थी, इसलिए तरल ऑक्सीजन प्रदान करने वाली संस्था से लगातार संपर्क किया जा रहा था, लेकिन वाहन देर रात तक तरल ऑक्सीजन लेकर नहीं पहुंचा, जिसके चलते मरीजों को दी जाने वाली ऑक्सीजन का दबाव कम हो गया.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिन से ऑक्सीजन की कमी की समस्या पैदा हो गई है. हालांकि शहडोल कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह ने मीडिया को बताया, ‘‘मेडिकल कॉलेज में कल रात में छह मरीजों की मौत हुई है, लेकिन वे सभी गंभीर मरीज थे. इनमें से किसी भी मरीज की मौत ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं मिलने के कारण नहीं हुई है.’’
सिंह ने बताया,‘‘ हम लगातार ऑक्सीजन सप्लाई पर नजर बनाये रखे हुए हैं और हमने पहले से भी बैकअप की व्यवस्था कर रखी है. हम लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति में लगे हुए हैं और व्यवस्थाएं बनाये हुए हैं.’’
उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में मिला कर 600 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर हमारे पास रहते हैं और 35 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध हैं.
इस बीच, कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली प्रदेश की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अब शहडोल में ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत होने की बेहद दुखद खबर. भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, जबलपुर, खंडवा एवं खरगोन में ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत होने के बाद भी सरकार नहीं जागी. आखिर कब तक प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से यूं ही मौत होती रहेंगी?’’
उन्होंने कहा, ‘‘शिवराज जी आप कब तक ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर गलत आंकड़े परोसकर झूठ बोलते रहेंगे. जनता रूपी भगवान रोज दम तोड़ रहा है. प्रदेश भर में यही स्थिति है और अधिकांश जगह ऑक्सीजन का भीषण संकट है.’’
कमलनाथ ने लिखा, ‘‘रेमडेसिविर की भी यही स्थिति है. सिर्फ सरकार के बयानों में और आंकड़ों में ही ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर उपलब्ध है, लेकिन अस्पतालों से ग़ायब है . सरकार कागजी बैठकों से निकलकर मैदानी स्थिति सम्भाले. स्थिति बेहद विकट है.’’
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