देश की खबरें | शिवराज सिंह चौहान लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ एक राष्ट्रीय अभियान शुरू करेंगे

नयी दिल्ली, 23 नवंबर केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ 25 नवंबर को ‘नयी चेतना-पहल बदलाव की’ नामक राष्ट्रीय अभियान के तीसरे संस्करण की शुरुआत करेंगे। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने के लिए सरकार के सामूहिक प्रयास के तहत इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगी।

बयान के मुताबिक एक माह तक चलने वाले इस अभियान का आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय के तत्वावधान में दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) द्वारा किया जा रहा है, जो देशभर में 23 दिसंबर 2024 तक चलेगा। डीएवाई-एनआरएलएम के देशभर में फैले स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) नेटवर्क के नेतृत्व में यह पहल जन आंदोलन की भावना का प्रतीक है।

इसमें कहा गया कि यह अभियान एक सहयोगात्मक प्रयास है और इसमें नौ मंत्रालय और विभाग भाग लेंगे, जिनमें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय; स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण; स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग; गृह मंत्रालय; पंचायती राज; सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय शामिल हैं।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘नयी चेतना अभियान का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और जमीनी स्तर पर पहल के माध्यम से लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ सूचित कार्रवाई को बढ़ावा देना है। अपनी शुरुआत के बाद से, नयी चेतना ने देश भर में लाखों लोगों को संगठित किया है, तथा लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण आंदोलन को बढ़ावा दिया है। ’’

इस अभियान का पहला संस्करण 3.5 करोड़ लोगों तक पहुंचा था, जिसे कई मंत्रालयों का समर्थन प्राप्त था, जबकि नयी चेतना 2.0 में 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 5.5 करोड़ प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसके तहत देश भर में लिंग आधारित हिंसा पर नौ लाख से अधिक जागरूकता गतिविधियां आयोजित की गईं।

नयी चेतना 3.0 के उद्देश्यों में लिंग आधारित हिंसा के सभी रूपों के बारे में जागरुकता बढ़ाना, हिंसा के खिलाफ समुदायों को आवाज उठाने और कार्रवाई की मांग करने के लिए प्रोत्साहित करना, समय पर सहायता के लिए समर्थन प्रणालियों तक पहुंच प्रदान करना और स्थानीय संस्थाओं को निर्णायक रूप से कार्य करने के लिए सशक्त बनाना शामिल है।

इस अभियान का नारा, “एक साथ, एक आवाज, हिंसा के खिलाफ,” अभिसरण प्रयासों के माध्यम से सामूहिक कार्रवाई के आह्वान को दर्शाता है।

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