जरुरी जानकारी | रिजर्व बैंक के वृद्धि दर अनुमान घटाने के बाद सेंसेक्स 132 अंक टूटा, बैंक शेयरों में मुनाफावसूली

तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 132.38 अंक यानी 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,100.05 पर बंद हुआ।

एनएसई निफ्टी भी 20.10 अंक यानी 0.13 प्रतिशत टूटकर 15,670.25 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में नेस्ले इंडिया रही। इसमें करीब 2 प्रतिशत की गिरावट आयी। इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचयूएल और डा. रेड्डीज में भी गिरावट रही।

दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में बजाज फिनसर्व, ओएनजीसी, एल एंड टी, बजाज फाइनेंस और एचडीएफसी शामिल हैं।

रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा कि वित्तीय खासकर बैंकों के शेयरों में मुनाफावसूली से बाजार में हल्की गिरावट आयी।

उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा में मुद्रास्फीति में हल्की वृद्धि के अनुमान से सरकारी प्रतिभूतियों पर प्रतिफल 0.03 प्रतिशत बढ़ा। इससे बैंक शेयरों में मुनाफावसूली की गयी।’’

रिजर्व बैंक ने कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए नरम मौद्रिक नीति बनाए रखने का भरोसा देते हुए शुक्रवार को अपनी नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत के मौजूदा स्तर पर बनाए रखा।

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 10.5 प्रतिशत से घटा कर 9.5 प्रतिशत किया है।

मोदी ने कहा, ‘‘एमपीसी (मौद्रिक नीतति समिति) की बैठक का नतीजा उम्मीद के अनुरूप है। आरबीआई ने नीतिगत दर को पूर्व स्तर पर बरकरार रखते हुए अर्थव्यवस्था में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करने और महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) तथा कंपनियों की मदद पर ध्यान दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड संक्रमण के दैनिक मामलों में कमी, टीकाकरण अभियान में तेजी तथा राज्यों द्वारा लगाये गये ‘लॉकडाउन’ और अन्य पाबंदियों में धीरे-धीरे ढील से आर्थिक पुनरूद्धार को लेकर संभावना बेहतर हुई है। यही कारण है कि बाजार इस सप्ताह नई ऊंचाई पर पहुंचा।’’

कमजोर वैश्विक रुख का भी घरेलू बाजार पर असर पड़ा।

शंघाई बाजार लाभ में रहा जबकि हांगकांग, तोक्यो तथा सोल नुकसान में रहे।

यूरोपीय बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.38 प्रतिशत बढ़त के साथ 71.58 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

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