जरुरी जानकारी | सेंसेक्स 540 अंक लुढ़का, अमेजन-रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच विवाद से निवेशक धारणा प्रभावित

मुंबई, 26 अक्टूबर वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 540 अंक लुढ़क गया। सूचकांक में मजबूत स्थिति रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज में नुकसान के साथ बाजार में गिरावट आयी।

मुकेश अंबानी के अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के फ्यूचर ग्रुप के खुदरा कारोबार के अधिग्रहण को लेकर अमेजन के पक्ष में अंतरिम मध्यस्थता आदेश आने के बाद कंपनी का शेयर नीचे आया।

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अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में तीव्र गिरावट का भी निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा।

तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स एक समय 737 अंक नीचे चला गया था। बाद में इसमें कुछ सुधार आया और अंत में 540 अंक यानी 1.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 40,145.50 अंक पर बंद हुआ था।

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 162.60 अंक यानी 1.36 प्रतिशत टूटकर 11,767.75 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में बजाज ऑटो रही। इसमें 6.10 प्रतिशत की गिरावट आयी। जिन अन्य प्रमुख शेयरों में गिरावट रही, उनमें महिंद्रा एंड महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं।

आरआईएल का शेयर 3.97 प्रतिशत नीचे आ गया। इसका कारण फ्यूचर ग्रुप के रिलायंस इंडस्ट्रीज को खुदरा कारोबार 24,713 करोड़ रुपये में बेचने के मामले में अमेजन डॉट कॉम के पक्ष में अंतरिम मध्स्थता आदेश का आना है।

अमेजन पिछले साल खुदरा और फैशन समूह में अल्पांश हिस्सेदारी हासिल की थी। उसका कहना है कि फ्यूचर का अपना खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक और गोदाम कारोबार रिलायंस को बेचना उसके साथ किये गये गये अनुबंध का उल्लंघन है। अनुबंध में यह प्रावधान शामिल था कि इस प्रकार की पेशकश सबसे पहले उसे की जानी थी।

सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र ने रविवार को फ्यूचर रिटेल और उसके संस्थापकों पर अंतिम आदेश आने तक बिक्री के लिये आगे कदम बढ़ाये जाने पर रोक लगा दी।

लाभ में रहने वाले शेयरों में नेस्ले इंडिया, कोटक बैंक, इंडसइंड बैंक, पावरग्रिड और एचयूएल शामिल हैं। इसमें 2.48 प्रतिशत तक की तेजी आयी।

उधर, यूरोप और अन्य क्षेत्रों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और ताजा प्रोत्साहन उपायों का लेकर अनिश्चितता की वजह से रुख कमजोर रहा।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बाजार में उतार-चढ़ाव उम्मीद के अनुरूप है। इसका कारण अमेरिका में चुनाव की तारीख का करीब आना है। कीमतें ऊंची है, इसके कारण अनिश्चितता को झेलने की बाजार की क्षमता सीमित हुई है। हालांकि चुनाव के परिणाम से दीर्घकलीन रुझान में बदलाव की संभावना कम है। अमेरिका तथा यूरोप में कोविड-19 के बढ़ते मामले तथा अमेरिका में प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा में देरी से निवेशकों में चिंता बढ़ी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हाल में आयी तेजी के बाद भारतीय बाजार में सुधार आ रह है। तेजी का कारण कंपनियों के दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम का बेहतर होना है। निकट भविष्य में घरेलू शेयर बाजारों में कमजोर रुख रहने की आशंका है। इस पर दूसरी तिमाही के अन्य कंपनियों के वित्तीय परिणामों और अमेरिका की गतिविधियों का असर पड़ने की संभावना है। हालांकि 11,500 का स्तर निफ्टी-50 के लिये मजबूत आधार है, ऐसे में अभी कोई बड़े सुधार की संभावना नहीं है।’’

वैश्विक मोर्चे पर चीन का शंघाई, जापान में तोक्यो और दक्षिण कोरिया में सोल नुकसान में रहे।

यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में भी शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 41.14 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।

विदेशी विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे टूटकर 73.84 पर बंद हुआ।

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