देश की खबरें | मणिपुर के बिष्णुपुर, चुराचांदपुर जिलों में सुरक्षा बढ़ाई गई

इंफाल, 14 अप्रैल मणिपुर में वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए मेइती समुदाय के लोगों के मोइरंग में पहुंचने को लेकर बिष्णुपुर और चुराचंदपुर जिलों में सोमवार को सुरक्षा बढ़ा दी गई।

मेइती समुदाय के लोग पवित्र स्थल माने जाने वाले थांगजिंग तराई की तीर्थयात्रा के लिए पहुंचना शुरू हो गए है, दूसरी ओर कुकी-जो समुदाय के सदस्यों ने उनसे यात्रा से दूरी बनाने का आग्रह किया है। ऐसे में किसी भी अप्रिय घटना की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि बिष्णुपुर जिले के क्वाकता और फोगाकचाई इखाई में सुरक्षा तैनाती बढ़ा दी गई है। थांगजिंग के लिए तीर्थयात्रा का मार्ग इन क्षेत्रों से होकर गुजरेगा।

थांगजिंग पहाड़ी को मेइती समुदाय पवित्र स्थल मानता है और वे पारंपरिक रूप से अप्रैल में इस क्षेत्र में आते हैं।

रविवार को, इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों से कई मेइती तीर्थयात्रियों ने बिष्णुपुर में थांगजिंग मंदिर में प्रार्थना की और आने वाले दिनों में तीर्थयात्रा की तैयारी के लिए मोइरांग और आसपास के इलाकों में रात भर डेरा डाले रहे।

अधिकारियों ने बताया कि सैकड़ों कुकी-जो समुदाय के सदस्य मणिपुर के चुराचंदपुर जिले में थांगजिंग पहाड़ी पर इकट्ठा हुए और मेइती लोगों को ‘‘पवित्र स्थल’’ की वार्षिक तीर्थयात्रा करने से रोकने के लिए रविवार को प्रदर्शन किया।

उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी विभिन्न इलाकों से वाहनों में सवार होकर पहाड़ी पर पहुंचे और धरना दिया।

कुकी-जो समुदाय के एक सूत्र ने कहा, ‘‘जो कोई भी बफर जोन को पार करने का प्रयास करेगा उसे कुकी-जो समुदाय के लिए सीधी चुनौती माना जाएगा और ऐसे प्रयासों के दौरान होने वाली किसी भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी पूरी तरह से ऐसा करने वाले लोगों की होगी।’’

सुरक्षाबलों की कड़ी निगरानी वाला बफर जोन मेइती नियंत्रित इंफाल घाटी और कुकी-प्रभुत्व वाले पहाड़ी जिलों को अलग करता है।

शनिवार को कई कुकी-जो नागरिक समाज संगठनों ने मेइती समुदाय को थांगजिंग पहाड़ी पर चढ़ने को लेकर चेतावनी दी और कहा कि इस तरह के किसी भी प्रयास का ‘‘पूरी ताकत से विरोध किया जाएगा।’’

छह कुकी संगठन थांगजिंग पहाड़ियों पर मेइती तीर्थयात्रियों के चढ़ने का विरोध कर रहे हैं।

इस बीच, ‘मेइती हेरिटेज सोसाइटी’ ने एक बयान में कहा, ‘‘... कानून का राज कायम रहना चाहिए और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए....।’’

सोसाइटी ने कहा, ‘‘मेइती लोगों को थांगजिंग पहाड़ियों की तीर्थयात्रा न करने की धमकी देना असंवैधानिक है और यह स्वतंत्र आवाजाही और धार्मिक प्रथाओं के अधिकार का घोर उल्लंघन है।’’

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