नयी दिल्ली, 22 मई दिल्ली के कुछ हिस्सों में सोमवार को लोगों को चिलचिलाती हुई भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा और अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया।
राष्ट्रीय राजधानी में भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ने से पावर ग्रिड पर भी दबाव काफी बढ़ गया तथा बाहरी इलाकों में काम करने वाले मजदूरों, बेघर लोगों और जानवरों को भी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।
अधिकारियों ने कहा कि गर्मी के मौसम में दिल्ली में बिजली की मांग अपराह्न साढ़े तीन बजे के आसपास बढ़कर 6,532 मेगावाट हो गई, जो इस सीजन में अब तक की सबसे अधिक मांग है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में पिछली गर्मियों में 7,695 मेगावाट की बिजली की अधिकतम मांग दर्ज की गई थी और इस साल यह 8,100 मेगावाट तक पहुंच सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अनुमान जताया है कि बुधवार से बारिश से कुछ राहत मिलने से पहले इसी तरह की स्थिति जारी रहेगी।
दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र, सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री अधिक और इस वर्ष अब तक का अधिकतम तापमान है।
नजफगढ़ में पारा 46.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे यह राजधानी का सबसे गर्म स्थान बन गया। वहीं, नरेला (45.3 डिग्री सेल्सियस), पीतमपुरा (45.8 डिग्री सेल्सियस) और पूसा (45.8 डिग्री सेल्सियस) में भी लू की स्थिति रही।
आईएमडी ने कहा कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से बुधवार से उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलने का अनुमान है। इसके परिणामस्वरूप बृहस्पतिवार तक अधिकतम तापमान कम होकर 36 डिग्री सेल्सियस नीचे आ जाएगा।
इस महीने की शुरुआत में मौसम विभाग ने मई में उत्तर-पश्चिमी भारत में सामान्य से कम अधिकतम तापमान और लू की स्थिति के कम दिनों का अनुमान जताया था। आईएमडी ने दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन में थोड़ी देरी का अनुमान जताया है और इस दौरान लंबे समय तक अधिकतम तापमान के सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है।
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