जयपुर, नौ अप्रैल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी स्कूल संचालकों को निर्देशित किया है कि वो अभिवाकों से 15 मार्च के बाद बकाया कोई भी शुल्क, वर्तमान में लागू फीस तथा अग्रिम फीस का भुगतान तीन माह तक स्थगित रखेंगे।
विद्यार्थियों के हित में यह फैसला करते हुए उन्होंने कहा है कि फीस के अभाव में किसी भी छात्र का नाम नहीं काटा जाए। साथ ही, 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षाओं वाले विद्यार्थियों को छोड़कर अन्य सभी स्कूली विद्यार्थियों को अगली कक्षा में क्रमोन्नत किया जाए।
गहलोत बृहस्पतिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान स्कूलों, कॉलेजों सहित सभी शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक सत्र की स्थिति और आगामी सत्र की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने निर्देश दिए, ‘‘स्कूलों और कॉलेजों में यथासम्भव आनलाइन व्याख्यान तथा ई-लर्निंग की व्यवस्था की जाए, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई में निरन्तरता बनी रहे और वे घर पर रहकर भी समय का सदुपयोग कर सकें।’’
कांफ्रेंस में निर्णय किया गया कि राज्य के सभी उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा से जुडे़ संस्थानों में 15 अप्रैल से ग्रीष्म अवकाश घोषित किया जा सकता है। लेकिन स्कूलों में 15 अप्रैल से ग्रीष्म अवकाश नहीं होगा। साथ ही, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय से सम्बद्ध संस्थानों में लॉकडाउन हटने के बाद आठवें सेमेस्टर की परीक्षाएं प्राथमिकता से करवाने का भी निर्णय किया गया।
कांफ्रेंस में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया, ‘‘उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय परीक्षाओं के शेड्यूल के निर्धारण के लिए एक पांच सदस्यीय समिति बनाई है जो लॉकडाउन हटने के बाद परीक्षाओं और आगामी शैक्षणिक सत्र के संचालन के बारे में सुझाव देगी।’’
उन्होंने बताया कि समिति में राजस्थान विश्वविद्यालय, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय और मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति तथा आयुक्त काॅलेज शिक्षा और शासन सचिव उच्च शिक्षा शामिल हैं।
शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया, ‘‘ सभी कक्षाओं की किताबें आनलाइन उपलब्ध करवा दी गई हैं। अब विद्यार्थियों के लिए आनलाइन शैक्षणिक सामग्री तैयार करने का कार्य किया जा रहा है ताकि घर पर रहकर भी बच्चे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।’’
तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि तकनीकी शिक्षण संस्थानों में मिड सेमेस्टर परीक्षाएं ऑनलाइन पूरी कराई जा चुकी हैं। विद्यार्थियों को ई-शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए एक यू-ट्यूब चैनल तैयार किया गया है जिस पर 600 से अधिक लेक्चर अपलोड किए गए हैं। अध्यापकों को अधिक से अधिक ई-शैक्षणिक सामग्री तैयार करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
कुंज पृथ्वी
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)