जरुरी जानकारी | उपग्रह स्पेक्ट्रम का आवंटन 'पहले आओ, पहले पाओ' की तर्ज पर नहीं होगाः सिंधिया

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि उपग्रह संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन 2जी सेवाओं की तरह 'पहले आओ, पहले पाओ' की तर्ज पर नहीं किया जाएगा।

सिंधिया ने यहां 'भारत आर्थिक सम्मेलन' को संबोधित करते हए कहा कि उपग्रह संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी करना संभव नहीं है क्योंकि इससे विज्ञान जुड़ा हुआ है और किसी भी देश ने इसके लिए रेडियो तरंगों की नीलामी नहीं की है।

उन्होंने कहा, "दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जो सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी करता हो क्योंकि इसकी नीलामी करना भौतिक रूप से असंभव है। अगर आप आर्थिक तर्क लाते हैं तो फिर आप इसे प्रशासनिक रूप से कैसे आवंटित करेंगे? मूल्य निर्धारण 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर नहीं होने जा रहा है। ऐसा कुछ नहीं होने वाला है।"

इसके साथ ही दुरसंचार मंत्री ने कहा, "इसका निर्णय दूरसंचार विनियामक ट्राई करेगा। प्राधिकरण आवंटन की कीमत तय करेगा और उसके आधार पर लाइसेंस पाने वाले हरेक व्यक्ति को स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा।"

वह 2जी मामले का हवाला देते हुए पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उस समय स्पेक्ट्रम को नीलामी के बगैर ही आवंटित किया गया था।

सिंधिया ने कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़ा हुआ एक वैज्ञानिक तर्क है और एक आर्थिक तर्क है।

उन्होंने कहा, "आप किसी ऐसी चीज की नीलामी कैसे कर सकते हैं जो साझा की गई हो? आप केवल उसी चीज की नीलामी कर सकते हैं जो किसी व्यक्ति विशेष के पास हो।... दुनिया भर में हर एक देश इसके भौतिकी सिद्धांतों की वजह से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम को हमेशा प्रशासनिक रूप से आवंटित करता है।"

दरअसल परंपरागत दूरसंचार सेवाएं मुहैया करा रही कंपनियों ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के बगैर प्रशासनिक स्तर पर ही किए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। हालांकि सरकार ने लगातार इसकी नीलामी से इनकार किया है।

दूरसंचार मंत्री ने घाटे में चल रही सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के बारे में कहा कि यह कंपनी 2021 से परिचालन लाभ कमा रही है और उसका राजस्व भी लगभग 12 प्रतिशत बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये हो गया है।

उन्होंने कहा कि बीएसएनएल ने स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकी पर आधारित नेटवर्क शुरू करने का विकल्प चुना था जिसकी वजह से उसे 4जी सेवाओं की पेशकश करने में थोड़ी देर हुई है।

सिंधिया ने कहा, "हमने भारतीय प्रौद्योगिकी पर आधारित करीब 62,000 टावर अब तक स्थापित कर दिए हैं। भारत दुनिया का महज पांचवां देश है जिसके पास अपना 4जी हार्डवेयर और अपना 4जी ढांचा है। अगले साल मई-जून तक एक लाख टावर लगाए जा चुके होंगे। उस समय कुछ टावरों को बीएसएनएल के लिए 5जी प्रौद्योगिकी में बदलना भी शुरू कर दिया जाएगा।"

उन्होंने कहा कि जून 2025 तक देश के हर कोने में दूरसंचार कनेक्टिविटी उपलब्ध हो जाएगी।

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