मुंबई, 24 दिसंबर दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत होने और घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट के बीच रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले चार पैसे की गिरावट के साथ 85.15 के नए सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ।
विश्लेषकों के अनुसार, भुगतान दायित्व की वजह से मासांत की डॉलर मांग बढ़ने तथा अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के आक्रामक आयात शुल्क लागू करने की आशंका ने डॉलर को मजबूत किया।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने रुपये को और नीचे ला दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.10 पर खुला और दिन के कारोबार में डॉलर के मुकाबले 85.21 के अबतक के सबसे निचले स्तर पर आ गया।
कारोबार के अंत में रुपया 85.15 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले चार पैसे की गिरावट है। रुपया सोमवार को सात पैसे गिरकर 85.11 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर घरेलू बाजारों, आयातकों की बढ़ती डॉलर मांग और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर पर आ गया।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व का आक्रामक रुख और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार से डॉलर को और समर्थन मिल सकता है।
चौधरी ने कहा, ‘‘एफआईआई की निकासी से भी रुपये पर दबाव पड़ सकता है। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक के किसी भी हस्तक्षेप से निचले स्तर पर रुपये को मदद मिलने की उम्मीद है।’’
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत बढ़कर 107.93 पर था।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.69 प्रतिशत बढ़कर 73.13 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
बीएसई 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 67.30 अंक घटकर 78,472.87 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को 2,454.21 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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