मुंबई, 25 जुलाई अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया सात पैसे टूटकर 83.78 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। मासांत की डॉलर मांग और विदेशी पूंजी की भारी निकासी के कारण यह गिरावट आई।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू मुद्रा में यह गिरावट भारतीय शेयर बाजार में नुकसान के बाद आई है। सरकार द्वारा बजट में पूंजीगत लाभ पर कर की दर बढ़ाने की घोषणा के बाद शेयर बाजार नीचे आ रहे हैं।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.72 प्रति डॉलर पर खुला। दिन में कारोबार के दौरान यह 83.66 के उच्चस्तर तक गया तथा 83.78 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक आया। अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले यह 83.78 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से सात पैसे की गिरावट है।
बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले दो पैसे गिरकर 83.71 के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था।
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कथित हस्तक्षेप और कच्चे तेल की कीमतों में समग्र कमजोरी के कारण दिन में कारोबार के दौरान रुपये में मामूली तेजी आई।
बाजार सूत्रों ने कहा कि पूंजीगत लाभ पर कर की दर बढ़ाने के सरकार के फैसले के कारण भारतीय शेयर बाजार से विदेशी पूंजी की निकासी हुई, जिससे रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर पर आ गया।
मासांत की डॉलर मांग ने भी रुपये पर दबाव डाला।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती को परखने वाला डॉलर सूचकांक 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 104.17 रह गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.79 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81.25 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 109.08 अंक घटकर 80,039.80 अंक पर बंद हुआ जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 7.40 अंक के नुकसान के साथ 24,406.10 अंक पर आ गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 2,605.49 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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