मुंबई, पांच अगस्त रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 37 पैसे टूटकर 84.09 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ।
पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिका में मंदी की चिंताओं के बीच व्यापक वैश्विक बाजारों में बिकवाली के चलते ऐसा हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि भारतीय शेयर बाजारों में तेज गिरावट और विदेशी कोषों की भारी निकासी के कारण रुपये में गिरावट आई।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.78 पर खुला और कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 83.76 के ऊपरी स्तर तक गया और 84.09 के निचले स्तर तक आया।
कारोबार के अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया अपने नए सर्वकालिक निचले स्तर 84.09 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इस तरह रुपये में 37 पैसे की गिरावट हुई।
रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक पैसे बढ़कर 83.72 पर बंद हुआ था।
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचाव की धारणा के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से घरेलू मुद्रा पर और दबाव पड़ सकता है।’’
हालांकि, कमजोर अमेरिकी डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है।
चौधरी ने कहा कि रिजर्व बैंक के किसी भी हस्तक्षेप से भी रुपये को लाभ हो सकता है।
स्थानीय शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2,222.55 अंक या 2.74 प्रतिशत गिरकर 78,759.40 अंक पर बंद हुआ। दूसरी ओर निफ्टी 662.10 अंक या 2.68 प्रतिशत गिरकर 24,055.60 अंक पर बंद हुआ।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.65 प्रतिशत गिरकर 102.54 पर आ गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.91 प्रतिशत गिरकर 75.34 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को 10,073.75 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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