नयी दिल्ली, 21 मार्च : दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही कथित तौर पर बजट की जानकारी लीक करने के मामले में विशेषाधिकार हनन नोटिस को लेकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बाद मंगलवार को दो घंटे के लिए स्थगित कर दी गई. दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत के, बजट को रोके जाने को लेकर अपना संबोधन खत्म करने के बाद आम आदमी पार्टी के विधायक आसन के समक्ष चले गए , जिसके बाद सदन की कार्यवाही सुबह एक बार स्थगित कर दी गई. सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भाजपा के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने बजट विवरण के कथित रूप से लीक होने पर विशेषाधिकारों के उल्लंघन को लेकर नोटिस दिया. इसके बाद विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा, ‘‘नियम के अनुसार, यह नोटिस तीन घंटे पहले दिया जाना चाहिए था. आप कह रहे हैं कि इस पर चर्चा की जाए. इसका मकसद सदन में हंगामा करना और उसका समय बर्बाद करना है.’’
अध्यक्ष ने गुप्ता को आगाह भी किया. उनके द्वारा दिए गए नोटिस में सोमवार को विधानसभा में पेश किए गए ‘परिणाम बजट’ के ब्योरे लीक होने का जिक्र था. दिल्ली विधानसभा में ‘आप’ के मुख्य सचेतक दिलीप पांडे ने कहा कि गुप्ता के नोटिस में दी गई जानकारी और सदन में उन्होंने जो कहा, उसमें कोई मेल नहीं है . उन्होंने इस मामले को आचार समिति को भेजने का सुझाव दिया. इसके बाद इस मुद्दे पर ‘आप’ और भाजपा के विधायकों में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए, जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी. इसके बाद गुप्ता ने ट्वीट किया, ‘‘ मैंने वित्त मंत्री कैलाश गहलोत और मंत्री गोपाल राय के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया, जिन्होंने दिल्ली के बजट का विवरण लीक किया. कार्रवाई करने के बजाय मार्शल के जरिए मुझे बाहर कर दिया गया. दिल्ली सरकार को अराजकतावादी चला रहे हैं, जो भारतीय संविधान और लोकतंत्र की अवहेलना करते हैं. ’’ यह भी पढ़ें : ‘महाराष्ट्र में पिछले तीन साल में 16 आदिवासी जिलों में किशोर वय माताओं की संख्या 15,253 मिली ‘
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह वित्त मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ जब शीला दीक्षित की सरकार थी, तब तत्कालीन वित्त मंत्री महिंदर सिंह को केंद्र की मंजूरी के बिना बजट की तारीख की घोषणा करने के मामले में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे सवाल किए थे और उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी. गहलोत ने बजट के संबंध में मीडिया के साथ जानकारी साझा की और एक मंत्री के रूप में गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन किया.’’ केंद्र सरकार द्वारा बजट रोकने को लेकर जारी बयान में गहलोत ने कहा था कि कुल बजट 78,800 करोड़ रुपये का है, जिसमें से 22,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए हैं और सिर्फ 550 करोड़ रुपये विज्ञापनों के लिए निर्धारित किए गए हैं. विज्ञापन के लिए बजट पिछले साल के समान है. उन्होंने गृह मंत्रालय के सूत्रों के उस दावे के बाद यह प्रतिक्रिया दी थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि गृह मंत्रालय ने ‘आप’ सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है क्योंकि उसके बजट प्रस्ताव में विज्ञापन के लिए अधिक आवंटन है और बुनियादी ढांचे तथा अन्य विकास पहलों के लिए अपेक्षाकृत कम राशि आवंटित की गई है.