देश की खबरें | कर्नाटक में आरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल, दूसरे दिन भी प्रभावित हुई बस सेवाएं

बेंगलुरु, आठ अप्रैल कर्नाटक में वेतन संबंधी मुद्दों को लेकर सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) के चालकों और परिचालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को राज्य के अधिकतर हिस्सों में बस सेवा प्रभावित हुई।

सभी चार परिवहन निगम के अधिकतर कर्मचारियों के काम पर ना आने के कारण, बेंगलुरु सहित पूरे राज्य में ज्यादातर सड़कों से बसें नदारद रहीं, जिससे यात्रियों का परेशानी का सामना करना पड़ा।

दूर-दराज के क्षेत्रों में और कार्यालय जाने वाले लोग इस हड़ताल से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।

हड़ताल के कारण लोगों को हो रही असुविधा को दूर करने के मकसद से सरकार ने निजी परिवहन संचालकों की सेवाएं लेकर तथा कुछ विशेष ट्रेनें चलाने का प्रबंध किया।

निजी बसें, मिनी बसें, मैक्सी कैब और अन्य परिवहन वाहन भी राज्य के कई हिस्सों में चलते नजर आए।

कई निजी संचालकों ने बताया कि अधिकतर यात्रियों को अब भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि हर दिन आरटीसी की करीब 24 हजार बसें चलती हैं और इतनी संख्या में निजी बसों का इंतजाम करना मुमकिन नहीं है। हालांकि कई निजी बसें, मिनी बसें, मैक्सी कैब का इंतजाम किया गया है और उनके परिचालन के लिए हर-संभव मदद की जा रही है।

इनके अलावा, राज्य सरकार विभिन्न गंतव्यों के लिए निजी बसों के परिचालन पर भी नजर रख रही। हालांकि निजी ट्रांसपोर्टर के अधिक किराया लेने की भी खबरें आ रही हैं।

वहीं, मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को संकेत दिया था कि आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एसमा) लगाने का फैसला स्थिति पर निर्भर करेगा।

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री की धमकी के बाद बृहस्पतिवार को कुछ स्थानों पर आरटीसी की बसें सड़कों पर चलती नजर आईं।

गौरतलब है कि बीएमटीसी, कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी), उत्तरी पश्चिमी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनडब्ल्यूकेआरटीसी) और उत्तर पूर्वी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनईकेआरटीसी) के कर्मियों ने कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन कर्मचारी लीग के बैनर तले सात अप्रैल से हड़ताल का आह्वान किया था।

सरकार द्वारा आरटीसी कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग के तहत वेतनमान लागू नहीं किये जाने के खिलाफ राज्य में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। हालांकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि परिवहन कर्मियों के लिए छठे वेतन आयोग को लागू करना संभव नहीं है। अंतरिम राहत के तौर पर वेतन में आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी देने पर वह राजी है।

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