देश की खबरें | कर्नाटक में आरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल जारी, बस सेवाएं प्रभावित

बेंगलुरु, आठ अप्रैल कर्नाटक में वेतन संबंधी मुद्दों को लेकर सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) के चालकों और परिचालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को राज्य के अधिकतर हिस्सों में बस सेवा प्रभावित हुई।

छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट के क्रियान्वयन को लेकर सरकार और आरटीसी कर्मचारियों के बीच गतिरोध के खत्म नहीं होने पर हड़ताल के शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी रहने की आशंका है।

सरकार छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट के क्रियान्वयन की उनकी मांगों को लेकर राजी नहीं है तो वहीं कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की सख्त कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा, “मैं मुद्दे के समाधान की कोशिश करूंगा और इस संदर्भ में बातचीत करूंगा। अगर वे (कर्मचारी) अड़े हुएहैं तो हम कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई करेंगे।”

यह पूछने पर कि क्या वह कर्मचारियों को बैठक के लिये बुलाएंगे, उन्होंने कहा, “मैं नहीं बुलाऊंगा…मुझे किससे बात करनी चाहिए? उन्हें (हड़ताल) वापस लेनी चाहिए और बसों का संचालन शुरू करना चाहिए…हमनें उनकी नौ में से आठ मांगें मान ली हैं।”

सभी चार परिवहन निगम के अधिकतर कर्मचारियों के काम पर ना आने के कारण, बेंगलुरु सहित पूरे राज्य में ज्यादातर सड़कों से बसें नदारद रहीं, जिससे यात्रियों का परेशानी का सामना करना पड़ा।

दूर-दराज के क्षेत्रों में और कार्यालय जाने वाले लोग इस हड़ताल से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।

हड़ताल के कारण लोगों को हो रही असुविधा को दूर करने के मकसद से सरकार ने निजी परिवहन संचालकों की सेवाएं ली हैं। रेलवे ने आरटीसी कर्मियों की हड़ताल को देखते हुए और आगामी उगाडी उत्सव के मद्देनजर लोगों की भीड़ को कम करने के उद्देश्य से कुछ मार्गों पर विशेष रेलगाड़ियों के संचालन का फैसला किया है।

निजी बसें, मिनी बसें, मैक्सी कैब और अन्य परिवहन वाहन भी राज्य के कई हिस्सों में चलते नजर आए।

कई निजी संचालकों ने बताया कि अधिकतर यात्रियों को अब भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

परिवहन विभाग के प्रधान सचिव अंजुम परवेज ने सरकार के रुख को दोहराते हुए कहा कि आरटीसी कर्मियों के लिये छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना संभव नहीं है। उन्होंने कर्मचारियों से काम पर लौटने और दिग्भ्रमित नहीं होने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, “यह नहीं किया जा सकता, सरकारी नौकरी अलग है और निगमों की नौकरी अलग। दोनों में वेतन तय करने की अलग व्यवस्था है।”

परवेज ने कहा कि अफरा-तफरी पैदा करने वालों और लोगों को उकसाने वालों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कर्मचारियों से बातचीत के जरिये मुद्दे हल करने और काम पर लौटने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि अगर ऐसी स्थिति बनती है कि आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एसमा) लागू करने की जरूरत पड़े तो यह मौके के हिसाब से तय किया जाएगा।

वहीं हड़ताल का नेतृत्व कर रहे कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन कर्मचारी लीग के मानद अध्यक्ष कोडिहल्ली चंद्रशेखर ने कहा कि छठे वेतन आयोग को लागू करवाना उनकी प्रमुख मांग है।

उन्होंने कहा कि अनिश्चितकालीन हड़ताल शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगी और यह तीसरे दिन भी होगी।

गौरतलब है कि बीएमटीसी, कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी), उत्तरी पश्चिमी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनडब्ल्यूकेआरटीसी) और उत्तर पूर्वी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनईकेआरटीसी) के कर्मियों ने कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन कर्मचारी लीग के बैनर तले सात अप्रैल से हड़ताल का आह्वान किया था।

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